बरगी परियोजना
बरगी बाँध
बरगी परियोजना
इस परियोजना का नाम रानी अवंती बाई लोधी नदी सागर परियोजना भी है जो नर्मदा नदी पर स्थित है बरगी डैम परियोजना बरगी नदी पर स्थित है यह डैम 69 मीटर ऊंचा और 5.4 km चौडा है और इससे 90 मेगावाट की बिजली उत्पादन की जाती है बिजली उत्पन्न करने की क्षमता 100 मेगावाट की है लेकिन वर्तमान में 90 मेगा वाट उत्पन्न की जा रही है इस परियोजना से मध्य प्रदेश के 3 जिले लाभान्वित हैं जो इस प्रकार हैं
1 ) जबलपुर
2 ) मंडला
3) शिवनी
इसमें कुल 184 गांव है इस परियोजना से वर्तमान में 95000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल की सिंचाई की जाती है यह डैम नर्मदा नदी प्राकृतिक कृतियों से अद्भुत है यह डैम (NH 7 )नेशनल हाईवे पर स्थित है इस नदी से आसपास के लोगों को सिंचाई तथा जीवनयापन में की पूर्ति होती है बरगी डैम एक तरह से माना जाए तो नर्मदा के किनारे बसने वालों का वरदान है नर्मदा नदी का पानी बहुत अधिक दूरियों में फैला हुआ है जिस समय डैम बनाया जा रहा था आसपास के लोग को विस्थापित किया गया था नर्मदा नदी 1312 किलोमीटर का सफर सफर तय करती है जो अरब सागर में जाकर गिरती है यह एक ऐसी नदी है जो पूरब से पश्चिम की तरफ बहती है
बरगी डैम की .शुरुआत
DPR बदबूदे शासन के अनुसार यह डैम बनाने का विचार सन् 1968 में शुरू हुआ जहां पर केंद्रीय जल और विद्युत आयोग ने सिंचाई परियोजना को ध्यान में रखते हुए 2980 वर्ग किलोमीटर की एक योजना बनाई बाद में यह परिवर्तित होकर सिंचाई परियोजना के तहत 4370 किलोमीटर की हो गई वहीं सन्1977 में इस डैम का निर्माण कार्य शुरू हुआ और इस डैम को तब तक नहीं शुरू किया गया जब तक यह पूरी तरह से जल से भर नहीं गया सन् 1990 में फाइनल रूप से यह डैम बनकर तैयार हो गया और लगभग जब तक इसमें खूब जल भरा तब जाकर इसकी शुरुआत हुई
इंजीनियर रिपोर्ट के मुताबिक
कोई भी बिल्डिंग या पुल का निर्माण हो बांध का निर्माण हो निर्माण करने से पहले उस स्थान का सर्वे करना पड़ता है तो बाँध के निर्माण के पहले ही सर्वे किया गया
इनका सर्वे 2 पार्ट में होता है
1 ) प्रारंभिक सर्वे
2 ) विस्तृत सर्वे
प्रारंभिक सर्वे से होता है जो उनका प्रथम सर्वे आकृतियों का अध्ययन करें श्रेणियों का अध्ययन किया जाता है इसके बाद एरिया डिसाइड करते हैं क्षेत्र सुनते हैं कौन सा क्षेत्र ठीक है या नहीं ठीक है यहां डैम बनाना चाहिए या नहीं बनाना चाहिए यदि बनाना चाहिए तब दूसरा सर्वे इसे डिटेल सर्वे भी कहते हैं इस सर्वे के अनुसार उस एरिया का क्षेत्र का जितने भी जीव जंतु वनस्पतियां हैं उनका अध्ययन किया जाता है कितना वहां पर उपस्थित हैं वहां पर जो चट्टाने हैं उनकी विस्तृत स्टेप अध्ययन किया जाता है इंजीनियरिंग प्रॉपर्टीज का अध्ययन किया जाता है और उनका जलीय गुण का भी अध्ययन किया जाता है इस डैम को बनाने में 184 गांव प्रभावित हो रहे थे जिन्हें जिसके कारण इन्हें विस्थापित किया गया
डैम की चट्टानों के बारे में
यहां की चट्टाने काले रंग की होती हैं जो बेसाल्ट चट्टान ए कहलाती है या बेसाल्ट चट्टान ज्वालामुखी से बनी होती हैं और काफी कठोर चट्टाने होती है प्रारंभिक प्रवृत्ति न तो इनमें न तो पारगम्यता और ना ही सारन्द्रता होती है बरगी डैम के कुल 27 गेट है वर्तमान में 21 चालू रखते हैं बाकी के जब डैम के ऊपर से पानी बहने वाला होता है उसके पहले ही बाकी गेटों को खोल दिया जाता है किसी भी डैम की उम्र निर्धारित करना उसके अपरदन व नदी मे बहने वाली शील्ट पर आधारित रहता है शील्ट रेत वहां पर डैम के पास जाकर जम जाएगी और पानी कम हो जाएगा जिससे डैम बंद भी हो सकता है और उस जगह जल कम बचता है और अपरदन मे पानी का रिसाव होना वहां की मिट्टी कैसी है यह सब तय करता है यह डैम मध्यप्रदेश की एक इकाई में गिना जाता है