बर्मन परिवार एक प्रतिष्ठित परिवार है जो मध्यप्रदेश के सिनेमाघरों को अपनी सेवाएं देने के लिए प्रसिद्ध है दमोह जिले के मोहन टॉकीज, जगदीश टॉकीज और बहराम टॉकीज में अपनी उच्च दर्जे की सेवाएं दीं । इनमें स्व.गोकुल प्रसाद बर्मन, अनंतराम बर्मन, दुर्गा प्रसाद बर्मन, त्रिलोक बर्मन , माधव बर्मन, महेश बर्मन और प्रदीप बर्मन प्रमुख है गोकुल प्रसाद एक  सिनेमा मशीन विशेषज्ञ नाम से प्रख्यात थे  दुर्गा प्रसाद बर्मन सिनेमा लेखापाल रहे हैं। बर्मन परिवार का इतिहास मराठा वंश से जुड़ा है  पूर्वज श्री गुरखे राव जी अठारहवीं शताब्दी में पेशवा बाजीराव की सेना में दमोह मध्यप्रदेश आयें थे उनके पुत्र श्री मुकुंद राव ने यहां ट्रांसपोर्ट का व्यापार प्रारंभ किया किया बैलगाड़ी घोड़ा गाड़ी आने जाने का मुख्य साधन था एक अंग्रेजी अधिकारी का घोड़ा गाड़ी से एक्सीडेंट हो जाने के कारण उसकी मृत्यु हो गई थी मुकुंद राव के बेटे को कालापानी की सजा हो गई उनके दूसरे बेटे ने बर्मन लड़की से विवाह कर लिया और अपना सरनेम बदल लिया बाद में भगवान निषाद राज के वंशज माने गए । दयाशंकर बर्मन सुबोध और प्रभात बर्मन एक पटकथा लेखक हैं । बर्मन परिवार का इतिहास