स्वतंत्र बर्मा (म्यांमार) के पहले चौदह वर्षों में कई साम्यवादी और जातीय विद्रोह हुए। इस अवधि के दौरान प्रमुख विद्रोही समूहों में थाकिन थान तुन के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ बर्मा (सीपीबी, "सफेद झंडे"), थाकिन सो के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट पार्टी (बर्मा) ("लाल झंडे"), पीपुल्स वालंटियर ऑर्गनाइजेशन (येबाव ह्प्यू) शामिल हैं। बो ला यंग (थर्टी कॉमरेड्स के एक सदस्य) के नेतृत्व में, रिवोल्यूशनरी बर्मा आर्मी (आरबीए) का नेतृत्व कम्युनिस्ट अधिकारी बो ज़ेया, बो यान आंग और बो ये हुतुत (ये तीनों थर्टी कॉमरेड्स के सदस्य) और करेन नेशनल यूनियन (KNU) द्वारा नेतृत्व किए गए हैं।[1]

  1. Smith, Martin (1991). Burma: Insurgency and the politics of ethnicity (1st संस्करण). London and New Jersey: Zed Books. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0862328683.