बलपुत्रदेव
शैलेन्द्र राजवंश का शासक।
बालपुत्ररदेव ने तत्कालीन पाल शासक देवपाल के दरबार में अपने कई दूत भेजें और पाल शासक से नालंदा में एक विहार बनाने की अनुमति माँगी।उन्होंने देवपाल से इस विहार के खर्च के लिए पाँच गाँवों की आमदनी देने का अनुरोध किया।इस अनुरोध को देवपाल ने स्वीकार कर लिया और इस प्रकार पालों और शैलेंद्रों के बीच घनिष्ठता और सुदृढ़ हो गयी।
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