बस्तर राज्य
बस्तर राज्य भारत की स्वतन्त्रता के पूर्व एक रियासत था। इसकी स्थापना १४वीं शताब्दी में हुई थी।[1] माना जाता है कि इसके संस्थापक काकतीय राजवंश के अन्तिम शासक के भाई प्रतापरुद्र द्वितीय थे।
बस्तर रियासत बस्तर राज्य | |||||||
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रियासत of ब्रितानी भारत | |||||||
1324–1948 | |||||||
Flag | |||||||
'इम्पीरियल गजट ऑफ इन्डिया' में बस्तर राज्य | |||||||
Capital | जगदलपुर | ||||||
Area | |||||||
• 1901 | 33,831 कि॰मी2 (13,062 वर्ग मील) | ||||||
Population | |||||||
• 1901 | 3,06,501 | ||||||
History | |||||||
• Established | 1324 | ||||||
1948 | |||||||
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बस्तर देशी रियासत |
आजकल इसका सम्पूर्ण भाग छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के अन्तर्गत आता है।[2]
१९वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में बस्तर राज्य, ब्रितानी राज्य के अधीन मध्य प्रान्त और बरार का हिस्सा बना दिया गया था। भारत के स्वतन्त्र होने के बाद बस्तर राज्य ०१ जनवरी १९४८ को भारत में मिल गया और १९५६ में तत्कालीन मध्य प्रदेश का भाग बना दिया गया। मध्यप्रदेश का विभाजन करके जब सन २००० में छत्तीसगढ़ नामक नया राज्य बना तो बस्तर इस प्रदेश का भाग बना।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Princely States of India A-J". मूल से 1 मई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अक्तूबर 2018.
- ↑ Rahul Pandita. Hello Bastar: The Untold Story Of India’s Maoist Movement. Tranquebar Press (2011). ISBN 978-93-8065834-6.Chapter VI. p. 111