बहवृचोपनिषद
बह्वृगुपनिषद् ऋग्वेद शाखा के अन्तर्गत एक उपनिषद है। यह उपनिषद संस्कृत भाषा में लिखित है। इसके रचियता वैदिक काल के ऋषियों को माना जाता है परन्तु मुख्यत वेदव्यास जी को कई उपनिषदों का लेखक माना जाता है
बहवृचोपनिषद | |
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उपनिषद् में कहा गया है कि ब्रह्माण्ड का आरम्भ स्त्री से हुई है। | |
शीर्षक का अर्थ | ऋग्वेद से परिचित[1] |
तिथि | 12वीं से 15वीं शताब्दी तक CE[2] |
प्रकार | शाक्त [3] |
सम्बद्ध वेद | ऋग्वेद[4] |
अध्याय | 1 |
श्लोक | 9[5] |
दर्शन | शाक्त, वेदान्त[6] |
रचनाकाल
संपादित करेंउपनिषदों के रचनाकाल के सम्बन्ध में विद्वानों का एक मत नहीं है। कुछ उपनिषदों को वेदों की मूल संहिताओं का अंश माना गया है। ये सर्वाधिक प्राचीन हैं। कुछ उपनिषद ‘ब्राह्मण’ और ‘आरण्यक’ ग्रन्थों के अंश माने गये हैं। इनका रचनाकाल संहिताओं के बाद का है। उपनिषदों के काल के विषय मे निश्चित मत नही है समान्यत उपनिषदो का काल रचनाकाल ३००० ईसा पूर्व से ५०० ईसा पूर्व माना गया है। उपनिषदों के काल-निर्णय के लिए निम्न मुख्य तथ्यों को आधार माना गया है—
- पुरातत्व एवं भौगोलिक परिस्थितियां
- पौराणिक अथवा वैदिक ॠषियों के नाम
- सूर्यवंशी-चन्द्रवंशी राजाओं के समयकाल
- उपनिषदों में वर्णित खगोलीय विवरण
निम्न विद्वानों द्वारा विभिन्न उपनिषदों का रचना काल निम्न क्रम में माना गया है[7]-
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सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ मोनियर विलियम्स, व्युत्पत्ति के साथ संस्कृत-अंग्रेज़ी शब्दकोश, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय प्रेस, Bahvṛc पर लेख, पृष्ठ 726
- ↑ Cush 2007, पृ॰ 740.
- ↑ Warrier 1967, पृ॰प॰ 73–76.
- ↑ Tinoco 1996, पृ॰ 88.
- ↑ Narayanaswami 1999.
- ↑ Mahadevan 1975, पृ॰प॰ 238–239.
- ↑ Ranade 1926, pp. 13–14
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करेंमूल ग्रन्थ
संपादित करेंअनुवाद
संपादित करें- Translations of major Upanishads
- 11 principal Upanishads with translations
- Translations of principal Upanishads at sankaracharya.org
- Upanishads and other Vedanta texts
- डॉ मृदुल कीर्ति द्वारा उपनिषदों का हिन्दी काव्य रूपान्तरण
- Complete translation on-line into English of all 108 Upaniṣad-s [not only the 11 (or so) major ones to which the foregoing links are meagerly restricted]-- lacking, however, diacritical marks