बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशगण की सूची
यह सुझाव दिया जाता है कि इस लेख का बांग्लादेश के मुख्य न्यायाधीश में विलय कर दिया जाए। (वार्ता) जुलाई 2021 से प्रस्तावित |
बांग्लादेश की सर्वोच्च न्यायालय में, मुख्य न्यायाधीश अवं अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति, प्रधानमंत्री की अनिवार्यात्मक सलाह पर बांग्लादेश के राष्ट्रपति द्वारा होती है। सर्वोच्च न्यायालय के उच्च न्यायालय विभाग में जज के रूप में नियुक्ति का प्रवेशद्वार है, एडिशनल जज का पद, जिन्हें, सर्वोच्च न्यायालय की विधिज्ञ परिषद् के अधिवक्ताओं में से अनुच्छेद ९५ के आधार पर दो वर्ष की अवधी के लिए नियुक्त किया जाता है। इस कालावधि के समापन के पश्चात्, मुख्य न्यायाधीश के सिफारिश पर, एक अस्थायी जज को स्थायी रूप से राष्ट्रपति द्वारा अनुछेद ९५ के प्रावधानों के अंतर्गत नियुक्त कर दिया जाता है। ऐसे नियुक्तियों की वर्त्तमान अनुपात, ८:२ है, अर्थात्, ८०% न्यायाधीश, स्थायी होते है, जबकि २०% अस्थायी होते हैं। अपीलीय विभाग के न्यायाधीशों को भी कथित अनुछेद के प्रावधानों के तहत ही नियुक्त किया जाता है। अनुछेद १४८ के प्रावधानों के अनुसार यह सारी नियुक्तियाँ शपथ-ग्रहण की तिथि से प्रभाव में आतें हैं।[1]
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशगण १३वि संशोधन अधिनियम, २००४ के प्रभाव में आने के बाद से, ६७ वर्ष की आयु तक पदस्थ रहते हैं। तथा, विधिनुसार, प्रत्येक सेवानिवृत न्यायाधीश, गणराज्य के सेवा में किसी भी न्यायिक या अर्धन्यायिक लाभकारी पद या मुख्य सलाहकार या सलाहकार के पद की सेवा करने से अक्षम करार है। तथा न्यायाधीशों को सेवाकाल के बीच निलंबन से प्रतिरक्षा निहित की गयी है। न्यायाधीश को केवल अनुछेद ९६ के अनुसार, सर्वोच्च न्यायिक परिषद् द्वारा सुनवाई के बाद ही निलंबित किया जा सकता है। सर्वोच्च न्यायिक परिषद्, मुख्य न्यायाधीश तथा दो अन्य वरिष्ठ न्यायाधीशों द्वारा रचित होता है।[1]
मुख्य न्यायाधीश सुरेन्द्र कुमार सिन्हा बिष्णुप्रिय मणिपुरी सोसायटी या बांग्लादेश में किसी भी अल्पसंख्यक जातीय समूहों से नियुक्त पहली न्याय है। न्यायमूर्ति भावनी प्रसाद सिन्हा को एक ही समुदाय से भी है। मैडम न्यायमूर्ति नाज़मन आरा सुल्ताना पहले कभी महिला न्याय है, और मैडम जस्टिस कृष्णा देबनाथ बांग्लादेश की पहली महिला हिंदू न्याय है। वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में छह महिला न्यायाधीशों रहे हैं।
अगस्त 2021 की स्थिति अनुसार, अपीलीय विभाग में 5 और उच्च न्यायालय विभाग में 92 न्यायाधीश हैं, जिनमें 83 स्थायी और 9 अस्थायी हैं।
न्यायाधीशगण
संपादित करेंमुख्य न्यायाधीशों की सूची
संपादित करेंअपीलीय विभाग के पदस्थ न्यायाधीशों
संपादित करेंनाम | अपीलीय डिवीजन में नियत तारीख | अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उच्च न्यायालय डिवीजन में नियत तारीख | अनिवार्य सेवानिवृत्ति | उच्च न्यायालय डिवीजन में राष्ट्रपति की नियुक्ति | प्रधानमंत्री ने उच्च न्यायालय डिवीजन में नियुक्ति के समय | न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति से पहले न्यायिक स्थिति | कानून स्कूल |
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मुख्य न्यायाधीश सैयद महमूद हुसैन | 23 फरवरी 2011 | 22 फरवरी 2001 के | 30 दिसंबर 2021 | शहाबुद्दीन अहमद | शेख हसीना (अवामी लीग) | डिप्टी अटॉर्नी जनरल | ढाका विश्वविद्यालय |
न्यायमूर्ति मो. ईमान अली [2] | 23 फरवरी 2011 | 22 फरवरी 2001 के | 31 दिसंबर 2022 | शहाबुद्दीन अहमद | शेख हसीना (अवामी लीग) | सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता | चटगांव विश्वविद्यालय; ढाका विश्वविद्यालय; लिंकन्स इन |
न्यायमूर्ति हसन फोएज़ सिद्दीकी | 31 मार्च 2013 | 22 फरवरी 2001 के | 25 सितंबर 2023 प्राप्त करने | शहाबुद्दीन अहमद | शेख हसीना (अवामी लीग) | सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता | चटगांव विश्वविद्यालय |
न्यायमूर्ति मोहम्मद नूरुज़्ज़मान [1] | 9 अक्टूबर 2018 | 30 जुन 2009 के | 30 जुन 2023 | शहाबुद्दीन अहमद | शेख हसीना (अवामी लीग) | सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता | ढाका विश्वविद्यालय |
न्यायमूर्ति उबैदुल हासान [2] | 3 सितम्बर 2020 | 30 जुन 2009 के | 30 जनवरी 2026 | जिल्लुर रहमान (अवामी लीग) | शेख हसीना (अवामी लीग) | सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता | ढाका विश्वविद्यालय |
उच्च न्यायालय डिवीजन के पदस्थ स्थायी न्यायाधीशों
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उच्च न्यायालय डिवीजन के पदस्थ अस्थायी न्यायाधीशों
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इन्हें भी देखेंसंपादित करेंसन्दर्भसंपादित करें
बाहरी कड़ियाँसंपादित करें
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