बांटूस्तान
बांटूस्तान (Bantustan) उन क्षेत्रों को कहा जाता था जहाँ अपार्थाइड नामक रंगभेद नीति के अंतर्गत दक्षिण अफ़्रीका की श्वेतवर्णीय तानाशाही सरकार ने कृत्रिम रूप से कुछ तथाकथित देशों की स्थापना कर दी थी और यह कहना आरम्भ कर दिया था कि दक्षिण अफ़्रीका के श्यामवर्णी लोग दक्षिण अफ़्रीका के नागरिक नहीं बल्कि इन छोटे अलग देशों के नागरिक हैं। दक्षिण अफ़्रीका में अफ़्रीकी श्यामवर्णी लोगों की भारी बहुसंख्या थी और इन बांटूस्तानों को बनाकर श्वेतवर्णीय व्यवस्था इस तथ्य को झुठलाने का प्रयास कर रही थी। यही बांटूस्तान की नीति दक्षिण-पश्चिमी अफ़्रीका में भी अपनाई गई जहाँ दक्षिण अफ़्रीका का क़ब्ज़ा था और आज नामीबिया कहलाता है।[1]
कुल मिलाकर दस बांटूस्तान दक्षिण अफ़्रीका में और दस बांटूस्तान दक्षिण-पश्चिमी अफ़्रीका में स्थापित किये गये। अक्सर यह कई छोटे हिस्सों में खंडित थे। दक्षिण अफ़्रीका के सिवाय विश्व के किसी भी अन्य देश ने इन्हें मान्यता नहीं दी और इनकी स्थापना को कालों पर हो रहे अत्याचार का ही भाग ठहराया। १९९४ में जब दक्षिण अफ़्रीका में रंगभेद से मुक्ति हुई तो नये संविधान में इन बांटूस्तानों का तुरंत अंत कर दिया गया। इनके क्षेत्रों को दक्षिण अफ़्रीका के पुनर्गठित प्रान्तों में विलय कर दिया गया।[2]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Bertil Egerö. South Africa's Bantustans: From Dumping Grounds to Battlefronts. Sweden: Motala Grafiska. 1991.
- ↑ Susan Mathieson and David Atwell, "Between Ethnicity and Nationhood: Shaka Day and the Struggle over Zuluness in post-Apartheid South Africa" in Multicultural States: Rethinking Difference and Identity edited by David Bennett ISBN 0-415-12159-0 (Routledge UK, 1998)