बाघ गुफाएं, मध्य प्रदेश में धार जिले से ९७ किलोमीटर दूर विन्ध्य पर्वत के दक्षिणी ढलान पर हैं। ये इंदौर और वडोदरा के बीच में बाघिनी नदी के किनारे स्थित हैं।

बाघ की गुफाएँ

इन गुफाओं का सम्बन्ध बौद्ध धर्म से है। यहां अनेक बौद्ध मठ और मंदिर देखे जा सकते हैं। इन गुफाओं में चैतन्य हॉल में स्तूप हैं और रहने की कोठरी भी बनी हैं जहाँ बोद्ध भिक्षु रहा करते थे।

कुछ इतिहासकार इन्हें चौथी और पांचवी सदी में निर्मित मानते हैं, अधिकतर ७ वीं सदी में।

अजन्ता और एलोरा गुफाओं की तर्ज पर ही बाघ गुफाएं बनी हुई हैं। इन गुफाओं में बनी प्राचीन चित्रकारी मनुष्य को आश्चर्य में डाल देती है। इन गुफाओं की खोज 1818 में डेन्जर फील्ड ने की थी। माना जाता है कि दसवीं शताब्दी में बौद्ध धर्म के पतन के बाद इन गुफाओं को मनुष्य ने भुला दिया था और यहां बाघ निवास करने लगे। इसीलिए इन्हें बाघ गुफाओं के नाम से जाना जाता है। बाघ गुफा के कारण ही यहां बसे गांव को बाघ गांव और यहां से बहने वाली नदी को बाघ नदी के नाम से जाना जाता है।

छबिदीर्घा

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