बाजपुर
बाजपुर (Bajpur) या बाज़पुर (Bazpur) भारत के उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ मण्डल के उधमसिंहनगर ज़िले में स्थित एक नगर है।[1][2]
बाजपुर Bajpur बाज़पुर | |
---|---|
निर्देशांक: 29°09′40″N 79°09′04″E / 29.161°N 79.151°Eनिर्देशांक: 29°09′40″N 79°09′04″E / 29.161°N 79.151°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | उत्तराखण्ड |
ज़िला | उधमसिंहनगर ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 25,524 |
भाषा | |
• प्रचलित | हिन्दी, कुमाऊँनी, पंजाबी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 262401 |
दूरभाष कोड | 05949 |
इतिहास
संपादित करेंइतिहासकारों के अनुसार सोलहवीं सदी तक बाजपुर चैरासी माल का एक परगना था। बाजपुर का पुराना नाम मुन्डिया था। राजा रुद्रचन्द्र ने मुगल बादशाह अकबर से चैरासी माल का पूर्ण अधिकार प्राप्त कर तराई के प्रबन्ध पर पर्याप्त ध्यान दिया। किन्तु राजा रुद्र चन्द के उत्तराधिकारियों ने चंद खानदान के आपसी झगड़ों के कारण तराई की ओर अधिक ध्यान नहीं दिया। फलस्वरुप कटेहर के हिन्दू सरदारों ने तराई के बड़े भू-भाग पर अधिकार कर दिया। किन्तु राजा बाजबहादुर चन्द (१६३८-१६७८ ईसवी) के शासन काल में बादशाह शाहजहां ने कुमाऊँ के राजा को तराई की जागीरदारी पुनः प्रदान की। राजा बाजबहादुर चन्द ने तराई के प्रबन्ध पर विशेष ध्यान दिया और अपने नाम से बाजपुर नगर बसाया।यातायात की दृष्टि से यहां रेल सेवा सन् १९०५-०६ में प्रारम्भ होने के उपरान्त बाजपुर कस्बे की जनता को रेल सुविधा प्राप्त हुई। सड़क मार्ग से बाजपुर कस्बे की जिला मुख्यालय रुद्रपुर से दूरी ३५ किमी है। सन् १९८० के दशक से बाजपुर क्षेत्र में औद्योगीकरण के प्रयास प्रारम्भ हुए और बाजपुर में ३३.९७ एकड़ और ४३.१९ एकड़ भूमि पर दो बड़े औद्योगिक संस्थान स्थापित किये गए। कालान्तर में चीनी मिल और कृषि आधारित औद्योगिक ईकाईयां भी बाजपुर कस्बे के आसपास स्थापित होने से वर्तमान में बाजपुर को औद्योगिक रुप से विकसित और समृद्व क्षेत्र माना जाता है। वर्ष १९८६ से बाजपुर चतुर्थ श्रेणी की नगरपालिका परिषद है।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Uttarakhand: Land and People," Sharad Singh Negi, MD Publications, 1995
- ↑ "Development of Uttarakhand: Issues and Perspectives," GS Mehta, APH Publishing, 1999, ISBN 9788176480994