बाज़ी (1995 फ़िल्म)
बाज़ी 1995 में बनी हिन्दी भाषा की एक्शन फ़िल्म है। यह आशुतोष गोवरिकर द्वारा निर्देशित और आमिर ख़ान और ममता कुलकर्णी अभिनीत हैं। यह फिल्म आधार है जिससे आमिर ख़ान का चयन सख्त पुलिस अधिकारी के रूप में ब्लॉकबस्टर सरफ़रोश के लिये हुआ। इस फिल्म ने टिकट खिड़की पर औसत कारोबार किया, लेकिन संगीत लोकप्रिय रहा।
बाज़ी | |
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बाज़ी का पोस्टर | |
निर्देशक | आशुतोष गोवरिकर |
लेखक |
आशुतोष गोवरिकर नीरज वोरा नौशिल मेहता |
निर्माता | सलीम अख्तर |
अभिनेता |
आमिर ख़ान, ममता कुलकर्णी |
संगीतकार | अनु मलिक |
प्रदर्शन तिथियाँ |
5 अप्रैल, 1995 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंइंस्पेक्टर अमर दमजी (आमिर ख़ान) है मुख्यमंत्री विश्वासराव चौधरी (रजा मुराद) को जानलेवा हमले से बचाता है। मुखमंत्री अमर से प्रभावित हुए और उसे करोड़ रुपये के घोटाले के पीछे लोगों का पता लगाने का काम देते हैं। यह दिखाया गया है कि चौबे (मुख्यमंत्री का सहायक) वह था जिसने धोखाधड़ी की थी और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि वह पकड़ा नहीं जाए। इसलिए उसने हत्यारों से मुख्यमंत्री पर हमला करने के लिए कहा था। अमर अपराध की तह तक जाने की कोशिश करता है और इससे चौबे परेशान होना शुरू होता है। वह महसूस करता है कि अमर उसके कितना करीब आ रहा है। तब चौबे ने पुलिस आयुक्त मजूमदार (कुलभूषण खरबंदा) की बेटी की हत्या के लिए अमर को फँसा दिया।
अमर, हत्यारे रघु के साथ लंबी लड़ाई के बाद, कई अन्य लोगों के साथ जेल से बच निकला। उसके बाद वह इस सब के पीछे आदमी को खोजने के लिए एक महिला के रूप में मुखौटा धारण करने की योजना तैयार करता है। वह चौबे को पाता है और उसे उस व्यक्ति के रूप में पहचानता है जिसने उसके माता-पिता को मार डाला था। आखिरकार, चौबे के हत्यारे एक बार फिर से मुख्यमंत्री पर हमला करने के प्रयास में 12 मंजिला टावर में लोगों को बंधक बनाते हैं। लेकिन अमर धीरे-धीरे लेकिन निश्चित रूप से उन सभी को बचाता है। चूँकि चौबे छत पर एक हेलीकॉप्टर के माध्यम से बचने की कोशिश करता है, अमर उसे रोकता है और आखिरकार उसे चौबे की बिजली के करंट से हो जाती है। अमर को मुख्यमंत्री और पुलिस आयुक्त द्वारा बधाई दी जाती है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- आमिर ख़ान - इंस्पेक्टर अमर दमजी
- ममता कुलकर्णी - पत्रकार संजना रॉय
- परेश रावल - उपमुख्यमंत्री चतुर्वेदी / चौबे
- अवतार गिल - उप निरीक्षक देशपांडे
- मुशताक ख़ान - उप निरीक्षक
- अपराजिता - शांति दमजी
- कुलभूषण खरबंदा - आयुक्त मजूमदार
- रज़ा मुराद - मुख्यमंत्री विश्वासराव चौधरी
- मुकेश ऋषि - रघु
- सतीश शाह - सपादक रॉय
- आशीष विद्यार्थी - शिवा
- असरानी - हिरनंदानी
- कुनिका - रानी
संगीत
संपादित करेंसभी गीत मजरुह सुल्तानपुरी और अनवर सागर द्वारा लिखित; सारा संगीत अनु मलिक द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "धड़कता है दिल मेरा कहो" | उदित नारायण, कविता कृष्णमूर्ति | 6:19 |
2. | "धीरे धीरे आप मेरे दिल" | उदित नारायण, साधना सरगम | 5:45 |
3. | "डोले डोले दिल डोले" | कविता कृष्णमूर्ति | 5:45 |
4. | "जाने मुझे क्या हुआ" | साधना सरगम, उदित नारायण | 6:25 |
5. | "मैंने कहा मोहतरम" | साधना सरगम, उदित नारायण, मिताली | 5:24 |
6. | "ना जाने क्या हो गया" | उदित नारायण, साधना सरगम | 6:38 |