बाबर, बाबरिया राजपूत: वि.सं 1352 भरूच के महाराज विर महासुर सिंह जी परमार (वीर मेहूर जी परमार ) जिन्होंने अपनी बहन बेटियों की लाज बचाने के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया । आज भी उनका मंदिर खारी गलथर में हे जहा उनके मस्तक की पूजा होती है।