बाबा ताहिर ११वीं शती ई. के मध्य में हुए फ़ारसी के उत्कृष्ट कवि थे। उनके निवासस्थान एवं जीवनकाल की घटनाओं के विषय में बड़ा मतभेद है, किंतु वे संभवत: अधिकतर हमदान एवं लुरिस्तान में निवास करते रहे। उनकी रचनाओं में रुबाइयाँ बड़ी प्रसिद्ध हैं जिनसे उनके स्वच्छंद जीवन की झाँकी प्राप्त होती है। उनकी लोकोक्तियाँ गूढ़ दार्शनिक विचारों से परिपूर्ण हैं।


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