बाबा मोहन राम
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बाबामोहनराम की तपोभूमि भिवाड़ी में बाबा मोहनराम का मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दौज को भरता है। इसके अलावा हर माह की दौज पर मेला भरता है। जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करने के लिए यूपी, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान से श्रद्धालु आते हैं। ट्रस्ट बाबा मोहनराम काली खोली के अध्यक्ष अमर भगत के अनुसार करीब 350 साल पहले मिलकपुर गांव में रहने वाले नन्दू भगत को बाबा मोहनराम ने दर्शन दिए। बाबा मोहनराम ने नन्दू भगत को वचन दिया कि वह प्राणीमात्र की सभी समस्याओं में उनकी सेवा करे। उनके द्वारा कहे गए वचनों को वह पूरा करेंगे। यह आशीर्वाद उनके वंशजों पर भी बना रहेगा। जिसके बाद नन्दू भगत ने काली खोली बाबा के प्रकट होने वाले स्थान पर ज्योत जलाई। साथ ही मिलकपुर स्थित जोहड़ की पाल पर कुटिया बनाकर बाबा मोहनराम की भक्ति करने लगे। तब से मिलकपुर में बाबा मोहनराम का पूजास्थल बनाकर अखंड ज्योत के साथ पूजा होने लगी। बाबा के मंदिर में श्रद्धालु आने लगे। इसके बाद भिवाड़ी क्षेत्र के अलावा दूर-दराज से भी श्रद्धालु दर्शनों को आने लगे। फिलहाल लल्लू भगत की सातवीं पीढ़ी के वंशज मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी के रूप में जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
बाबा मोहन राम | |
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कलयुग के अवतारी | |
Baba Mohan Ram Tempel, Bhudia Village | |
संबंध | हिन्दू देवता |
निवासस्थान | काली खोली |
मंत्र | जय हो बाबा मोहन राम |
सवारी | नीला घोड़ा |
भिवाड़ी. काली खोल पहाड़ी पर स्थित बाबा मोहनराम का मंदिर।[1][2][3]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "साढ़े तीन सौ साल से अराध्य है बाबा मोहनराम". Dainik Bhaskar. 18 मार्च 2016. अभिगमन तिथि 5 जनवरी 2021.
- ↑ "रक्षाबंधन मेले पर ड्रोन से रहेगी पुलिस की नजर, सीसीटीवी कैमरे भी लगेंगे". Dainik Bhaskar. 21 अगस्त 2018. अभिगमन तिथि 5 जनवरी 2021.
- ↑ "बाबा मोहनराम की परिक्रमा 19 को". Dainik Bhaskar. 12 अगस्त 2018. अभिगमन तिथि 5 जनवरी 2021.