बारामती (Baramati) भारत के महाराष्ट्र राज्य के पुणे ज़िले में स्थित एक नगर है। यह इसी नाम की तालुका का मुख्यालय भी है।[2][3]

बारामती
Baramati
सिद्धेश्वर मन्दिर, बारामती
सिद्धेश्वर मन्दिर, बारामती
बारामती is located in महाराष्ट्र
बारामती
बारामती
महाराष्ट्र में स्थिति
निर्देशांक: 18°09′N 74°35′E / 18.15°N 74.58°E / 18.15; 74.58निर्देशांक: 18°09′N 74°35′E / 18.15°N 74.58°E / 18.15; 74.58
देश भारत
प्रान्तमहाराष्ट्र
ज़िलापुणे ज़िला
जनसंख्या (2011)[1]
 • कुल54,415
भाषा
 • प्रचलितमराठी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)
पिनकोड413102
वेबसाइटbaramati.net
बारामती रेलवे स्टेशन में सन् 1957 में आयात करा गया इंजन
स्टेशन रोड, बारामती
मार्किट यार्ड रोड, बारामती

बारामती करहा नदी के तट पर स्थित है। करहा नदी के कारण इसके दो भाग हुए हैं। यहां गन्ना, अंगूर, इत्यादी की खेती होती है।यहाँ से शक्कर और अंगूर युरोप में जाते है।

इतिहास में यह नगर "भीमथडी" नाम से प्रसिद्ध था। शिवकालीन बारामती तहसील के सूपे परगणा में समावेश था। सूपे परगणा के प्रमुख संभाजी मोहिते की बहन तुकाबाई शहाजीराजे की पत्नी थी, यानि यह शहाजी भोसले का ससुराल था। आज भी सूपे गाँव में इतिहास के निशान मिलतें है। अप्पा साहेब पवार, अजित पवार, सुप्रिया सुळे पवार, सुनंदा पवार इन्होंने सामाजिक कार्य, राजनीतिक, शैक्षणिक कार्य बारामती में बहुत ही अनोखे ढंग से किया है। यहाँ महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरदचंद्र पवार का जन्म हुआ था। शरद पवार की जन्मभूमी काटेवाडी है, जो बारामती के पास है। बारामती तहसील के शक्कर कारखाने सहकारी और प्रायव्हेट चलते हैं।बारामती में एम आय डी सी को अच्छी प्रसिद्धी मिली है। वेस्पा यह दुपहिया यहाँ की प्रसिद्द गाडी है। बारामती की औद्योगिक बस्ती का भी अच्छा विकास राजकीय नेतृत्व की दूरदृष्टी के कारण हुआ है। महाराष्ट्रा के भूमिपुत्र और लोकनेते के नाम से जिन्हें लोक मान्यता मिली है ऐसे माननीय शरदचंद्रजी पवार साहेब की दूरदृष्टी के कारण संपूर्ण बारामती तहसील का कायापालट संभव हुआ है। कृषी, उद्योग, खेती पूरक व्यवसाय, सहकारी संस्था इन सब का जाला तहसील में निर्माण किया है। बारामती को एक नियोजित शहर बनाने के काम में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने में माननीय अजितदादा पवार इनका योगदान भी महत्त्वपूर्ण रहा है।

बारामती में बारिश का प्रमाण अत्यल्प है। परंतु निरा डावा बाँध के कारण बारामती का कुछ प्रदेश सिंचन की व्यवस्था के कारण वहाँ के खेती और पीने के पानी का प्रश्न खत्म हुआ है। बारामती शहर को पिने का पानी इसी बाँध से शुद्ध करके दिया जाता है। बारिश का प्रमाण कम होने के कारण यहाँ गर्मी भी बहुत होती है।ठंड में यहाँ का वातावरण अच्छा होता है। क-हा नदी के कारण बारामती शहर के दो भाग पडे है यह नदी उत्तर से दक्षिण की ओर बहती है। पुणे से बारामती तहसील 110कि. मी. अंतर पर है।

अर्थव्यवस्था

संपादित करें

निरा डावा बाँध के सिंचन से बारामती तहसील के पूर्व दिशा के भाग ने खेती उत्पादन में लक्षणीय प्रगति की है। यहाँ मुख्य रूप से गन्ना, गेहूँ, मक्का इ. का उत्पादन लिया जाता है। कुछ जगहों पर फलों के बाग है। यहाँ पारंपारिक और आधुनिक इन दोनो प्रकार की खेती की जाती है। यहाँ गन्ना फसल का बहुत उत्पादन होता है और गन्ने से शक्कर तैयार करने के लिए दो सहकारी शक्कर के कारखाने है। श्री छत्रपती सहकारी शक्कर कारखाना यह भवानीनगर (इंदापूर) यहाँ स्थित होकर बारामती और इंदापूर इन दोनों तहसील के गन्ने से शक्कर बनाने का काम इन कारखानो में किया जाता है। मालेगाव सहकारी शक्कर कारखाना यह मालेगाव यहाँ स्थित होकर यहाँ शक्कर के साथ ही इथेनॉल निर्मिती भी की जाती है। सोमेश्वर सहकारी साखर कारखाना सोमेश्वर में स्थित है। इस शक्कर कारखाने के सभासद किसानों की आर्थिक प्रगति हुई है। रहने सहन भी उँचा हुआ है।ये शक्कर कारखाने यहाँ की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है। इसके साथ ही सब्जी, फल इ. का भी उत्पादन लिया जाता है जो पुणे, मुंबई की बाजारपेठ में भेजा जाता है।

बारामती के पश्चिमी भाग कम बारिश और सिंचन की सुविधा के अभाव में सूखा है।यहाँ सिर्फ बारिश में ज्वारी और बाजरी का उत्पादन लिया जाता है। इस भाग में महाराष्ट्र औद्योगिक विकास महामंडल के माध्यम से वाहन उद्योग, कपडा उद्योग इ. के कारखाने शुरू है। अभी अभी बारामती का औद्योगिकिकरण होने की वजह से बेरोजगार युवकों को रोजगार की संधी निर्माण हुई है। साथ ही शैक्षणिक संस्था द्वारा भी अनेक लोगों को रोजगार उपलब्ध हुए हैं। दुग्ध व्यवसाय भी बडे़ पैमाने पर चलता है। डायनामिक्स डेरी और नंदन दुध प्रसिद्ध है। गोदरेज पशुखाद्य निर्माती कारखाना यहाँ है। कॅडबरी कंपनी की किंडर जॉय यह यहाँ की प्रसिद्ध चॉकलेट है।बारामती में अजिंक्य बझार ,अजिंक्य बिग बझार,सिटी मॉल, रिलायन्स मॉल, सुभद्रा मॉल जैसे अनेक मॉल है। इन जगहों पर से बारामती के आस पास के अनेक गावा के लोग खरीदी के लिए आते हैं। चंदुकाका सराफ , ज्योतिचंद भाईचंद सराफ यह दो बड़ी सोने चांदी की व्यापारी दुकानें है।

बारामती में यातायात की सुविधा उपलब्ध है। बारामती महाराष्ट्र के अन्य तहसील और जिलो से पक्की और चौडे रस्त्तो से जुड़ी हुई है। बारामती रेल्वेमार्ग यह दौंड रेल्वे जंक्शन को जोडा है। दौंड रेल्वे जंक्शन उत्तर भारत और दक्षिण भारत के मुख्य शहराें को रेल्वे मार्ग से जोडा हुआ है। बारामती से दौंड रेल्वे मार्ग का विद्युतीकरण पूर्ण हुआ है।

बारामती में हवाई अड्डा है। इस कारण बारामती देश के मुख्य शहरो से हवाईमार्ग द्वारा जुड़ सकता हैं। बारामती का हवाईअड्डा(बारामती विमानतळ) यह फ्लाइंग स्कूल का आयोजन करता है। बारामती हवाईअड्डा यह देश के भावी हवाईअड्डो में से एक माना जाता है। बड़े हवाई जहाज के उतरने की द्रुष्टीसे विचार करते हुए हवाईपट्टी की लंबाई बढ़ाने की ओर प्रयत्न है।फिलहाल छोटे हवाई जहाज और हेलिकॉप्टर उतरने के लिए हवाईअड्डा सक्षम है। यह हवाईअड्डा बारामती से लगभग 8 कि.मी. दूरी पर स्थित है और बारामती औद्योगिक क्षेत्र के(एमआयडीसी) भाग में बसा हुआ है।

बारामती पुणे यात्रा करने के लिए जलद सेवा बिना स्टाँप बस हर अाधे घंटे की कालावधी में उपलब्ध है और उसके लिए स्वतंत्र खिडकी भी उपलब्ध है। सुबह छ: से रात नौ बजे तक बस उपलब्ध है। बारामती से सातारा, कोल्हापुर, सांगली, भूम ,पंढरपुर ,मुंबई, तुलजापूर, धुले ,औरंगाबाद ,जळगाँव ,रावेर ऐसी लंबे अंतर की गाडी हररोज छोडी जाती है।

बारामती में शहर के मध्य सबसे पुराना तुळजाराम चतुरचंद महाविद्यालय है जो हाल ही में अभिमत विश्वविद्यालय हुआ है। विद्यानगरी(विद्या प्रतिष्ठान) और मालेगाँव का अभियांत्रिकी महाविद्यालय और शारदाबाई पवार महिला महाविद्यालय, शासकीय वैद्यकीय महविद्यालय यह पाँच महत्त्वपूर्ण महाविद्यालये हैं। विविध जिले से और परराज्य से भी विद्यार्थी यहाँ शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते है। शिक्षा के मामले में व्यवस्थापन, अभियांत्रिकी, आरोग्य, संगणक और सूचना और प्रसारण,कायदा, मनुष्यबल विकास, कृषी, शास्त्र, वित्तसहायक, ॲनिमेशन , कला, वाणिज्य, डिझायनिंग, पाकशास्त्र, मानवशास्त्र, मुक्‍त शिक्षा अभ्यासक्रम इसमें महाविद्यालयीन शिक्षा सुविधा सरकारी, प्रायव्हेट एनजीओ द्वारे उपलब्ध है। कृषक प्रदर्शन बडे़ पैमाने पर आयोजित किया जाता है। महाराष्ट्र के कोने कोने से किसान यहाँ प्रदर्शन देखने के लिए आते हैं।

शारदाबाई पवार कृषी महाविद्यालय शारदानगर यह अत्यंत प्रसिद्ध है।विदयानागरी में बायोटेक्नॉलॉजी कॉलेज नामांकित है। यहाँ का इंजिनीअरिंग कॉलेज भी नामांकित है। विद्या प्रतिष्ठान इंगजी और मराठी मध्यम की पाठशाला भी प्रसिद्ध है। यहां पोतदार इंटरऩॅेशऩल स्कूल है। तुळजाराम चतुरचंद कॉलेज के कँपस में अनेकांत इंग्लिश मिडीअम सी.बी.एस.ई. स्कुल है जो जैन मायनॉरीटी है।

शहर में एम.ए.एस. (महाराष्ट्र एज्युकेशन सोसायटी) का 100 वर्ष पुराना हायस्कूल जो स्वतंत्रता सेनानी वासुदेव बळवंत फडके ने मार्च ३, १९११ को स्थापित किया था। इस पाठशाला ने २०११ में १०० वर्ष पूर्ण किए।पाटस रस्ते पर श्री छत्रपती शाहू हायस्कूल और ज्युनियर कॉलेज, बारामती यहाँ श्री. शरद पवार ने आठवी कक्षा तक एक वर्षा के लिए(1954-555) शिक्षा ली थी। श्री छत्रपती शाहू हायस्कूल अँड ज्युनिअर कॉलेज, बारामती १५४४ में पद्भूषण डॉ कर्मवीर भाऊराव पाटील (अण्णा) ने शाहू बोर्डिंग के संयुक्त विद्यमान में स्थापित की थी।

कृषी विकास ट्रस्ट, शारदानगर यहाँ लडकियों के लिए समर्पित महाविद्यालय है। शारदानगर के कोर्स में बेसिक ग्रॅज्युएशन, ज्युनियर कॉलेज, अ‍ॅग्री कॉलेज, बीसीए, होम सायन्स, बी.व्ही. प्राथमिक, माध्यमिक शाला, शिक्षा में बॅचलर डिग्री आदि का समावेश होता है।

केव्हीके यह शारदानगर यहाँ स्थित एक केंद्र सरकार की संस्था है। जो किसानों को खेती की सुविधा और मार्गदर्शन प्रदान करते.

हाल ही में यहां सरकारी मेडीकल कॉलेज स्थापित हुआ हैं और आयुर्वेद कॉलेज का निर्माण भी प्रगतीपथपर है|

प्रेक्षणीय स्थल

संपादित करें
  • कृषि विद्यान केंद्र कृषी पर्यटन केंद्र के लिए प्रसिद्ध है। ( शारदानगर )
  • विद्या प्रतिषठान वस्तु संग्रहालय
  • सिद्धेश्वर मंदिर
  • काशीविश्वेश्वर मंदिर
  • पांढरी का महादेव मंदिर
  • गणपती मंदिर (एम.आय.डी.सी. बारामती)
  • मालावर की देवी
  • पूनावाला गार्डन
  • शिरसाई देवी (शिर्सुफळ)
  • मोरेश्वर मंदिर (मोरगाव)

इन्हें भी देखें

संपादित करें