कुछ इतिहासकार उन साम्राज्यों को बारूदी साम्राज्य (Gunpowder Empires) की संज्ञा देते हैं जो मुख्यतः बारूद पर आधारित हथियारों पर एकाधिकार के कारण बने या शासन से च्युत नहीं हुए। विलियम एच मैकनील (William H. McNeill) का मत है कि लगभग १५वीं शताब्दी के मध्य में नयी और शक्तिशाली बन्दूकों (तथा तोपों) के विकास के कारण दूसरे राज्यों पर आक्रमण करने वालों तथा अपनी रक्षा करने वालों के बीच का पारम्परिक शक्ति संतुलन बुरी तरह गड़बड़ा गया। यह शक्ति संतुलन पहले पश्चिमी यूरोप में गड़बड़ हुआ (जहाँ बन्दूकों का विकास हुआ) और फिर सभ्य विश्व के अन्य भागों में ।[1] जहाँ भी शासक नयी आर्टीलरी पर एकाधिकार बनाए रखने में सफल हुए, वे बड़े-बड़ भूभागों को जीतकर अपना साम्राज्य बना सके। यह प्रक्रिया यूरोप की परिधि के देशों में हुई तथा अधिकांश इस्लामी विश्व और एशिया में। पश्चिमी यूरोप में युद्धकला (वारफेयर) में लगातार प्रगति हुई जिसके कारण सैनिक और राजनैतिक प्रतिद्वन्द्विता इतनी तीव्र थी कि वहाँ कोई एक शक्ति दूसरे पर हाबी न हो पायी। विलियम एच मैकनील, और मार्शल जी एस हॉग्सन (Marshall G. S. Hodgson) ने तीन इस्लामी राजव्यवस्थाओं- ऑटोमन साम्राज्य, सफ़वी साम्राज्य, और मुग़ल साम्राज्य को बारूदी साम्राज्य की श्रेणी में रखा है क्योंकि इन्होने अपने-अपने क्षेत्रों में बन्दूक और आर्टिलरी के निर्माण पर एकाधिकार बनाए रखने में सफल रहे जिसके कारण उनके साम्राज्य केन्द्रीकृत और एक बने रह सके।

किन्तु डगलस ई स्ट्रूसन्द आदि ने इस सिद्धान्त की आलोचना की है।[2]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. McNeill 1993 Archived 2020-04-08 at the वेबैक मशीन, p. 103
  2. Douglas E. Streusand, Islamic Gunpowder Empires: Ottomans, Safavids, and Mughals (Philadelphia: Westview Press, c. 2011) ("Streusand"), p. 3-4.

स्रोत संपादित करें

  • McNeill, William H. (1993). "The Age of Gunpowder Empires, 1450-1800". प्रकाशित Adas, Michael (संपा॰). Islamic & European Expansion: The Forging of a Global Order. Journal of Near Eastern Studies. 44. Philadelphia: Temple University Press. पपृ॰ 103–139. JSTOR 544368. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1566390682.
  • The Gunpowder Empires: Ottoman, Safavid, and Mughal