बालासगून
बालासगून (तुर्की: Balagasun, फ़ारसी: بلاساغون, अंग्रेज़ी: Balasagun) मध्य एशिया के किरगिज़स्तान क्षेत्र में एक प्राचीन सोग़दाई शहर था। यह चुय वादी में किरगिज़स्तान की आधुनिक राजधानी बिश्केक और इसिक कुल झील के बीच स्थित था। शुरू में यहाँ सोग़दाई भाषा बोली जाती थी, जो एक ईरानी भाषा थी। १०वीं सदी ईसवी के बाद यह काराख़ानी ख़ानत की राजधानी बना जो तुर्की भाषी था जिस से यहाँ की स्थानीय भाषा धीरे-धीरे बदलकर तुर्की हो गई।
१२वीं सदी में इसपर कारा-ख़ितान ख़ानत का क़ब्ज़ा हो गया और फिर सन् १२१८ में फैलते हुए मंगोल साम्राज्य ने इस क्षेत्र पर अपना अधिकार कर लिया। मोंगोलों ने इसका नाम बदलकर गोबालिक (Gobalik) कर दिया, जिसका मतलब मंगोल भाषा में 'सुन्दर शहर' था। मंगोल जीत के बाद इस शहर का महत्व घटने लगा। अब यहाँ बहुत से खँडहर हैं जिन्हें देखने के लिए सैलानी आया करते हैं। यहाँ का बुराना बुर्ज (Burana Tower) मशहूर है, जो कभी १३८ फ़ुट (४६ मीटर) लम्बा था लेकिन भूकम्पों में इसके हिस्से गिरने से केवल ७९ फ़ुट (२४ मीटर) रह गया है। यहाँ नेस्टोरी शाखा के ईसाई भी रहते थे जिनका टूटता हुआ कब्रिस्तान भी यहीं मौजूद है। तुर्की भाषा के प्रसिद्ध 'कूतादगू बिलिग' (Kutadgu Bilig) नामक ग्रन्थ के रचियता, युसुप ख़ास हाजिब, भी बालासगून शहर में पैदा हुए थे।[1]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Kyrgyzstan: The Bradt Travel Guide Archived 2016-01-02 at the वेबैक मशीन, Laurence Mitchell, pp. 124, Bradt Travel Guides, 2008, ISBN 978-1-84162-221-7, ... Balasagun was the major Karakhanid settlement in the northern part of the territory that is today Kyrgyzstan ... The city was extremely important in its day, but although it flourished for several centuries it eventually declined, and was virtually abandoned by the 15th century ...