बिंद दिवस समारोह Bind Day Celebration

बिंद दिवस ऐसा ऐतिहासिक दिवस है जो लगातार 37 वर्षों से बिंद समाज द्वारा मनाया जा रहा है यह प्रतिवर्ष 25 दिसम्बर को मनाया जाता है ,कुछ लोगों के मन में सवाल होगा की बिंद दिवस क्यों मनाया जाता है ?

और यह 25 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है ?, आइए हम बताते हैं कि बिंद दिवस 25 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है ?======

25 दिसंबर के दिन प्रकाश यानी दिन का समय बढ़ता है और रात यानी अंधकार का समय घटता है और धीरे-धीरे रात (अंधेरा)बहुत कम हो जाता है और दिन (प्रकाश) बहुत बड़ा हो जाता है इसलिए बिंद समाज को धीरे-धीरे अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने के लिए यह हर वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है |=====

अब बात आती है की बिंद दिवस क्यों मनाया जाता है ?

साथियों बिंद समाज भारत का सबसे मेहनती,साहसी, बहादुर और न्यायप्रिय समाज है इस समाज के लोग सीधे साधे होते है और भोले-भाले बिंद समाज को हर कोई धोखा देकर अपना काम निकालकर अन्य लोगो ने इन्हे अन्य-अन्य सरनेम के साथ जोड़ कर अपनी राजनितिक रोटियां सेकने का काम किया बिंद समाज की आबादी 14% होने के बाद भी इन्हे अन्य सरनेम और जातियों के साथ जोड़कर केवल इनका वोट लिया गया जैसे आज बिंद समाज अन्य सरनेम जैसे-====पटेल,महतो,वर्मा,सिंह,कुमार,राम,निषाद,सहनी,सिंह,बिंद्रा,मुखिया,चौधरी आदि लगा रहा है जिसके कारण बिंद शब्द धीरे-धीरे समाप्त होता जा रहा  है इसी लिए अपने समाज के अस्तित्व और पहचान को बनाए रखने ले लिए सन् 1987 में स्व. बिंद रत्न बाबू रामजन्म बिंद एडवोकेट द्वारा बिंद दिवस मनाया गया तबसे निरंतर बिंद समाज अपना त्यौहार समझ कर प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को बिंद दिवस गाजीपुर में मनाता है , बिंद दिवस से केवल अस्तित्व और पहचान बचाने की बात नही होती बल्की बिंद समाज के शैक्षणिक आर्थिक और राजनीतिक मुद्दे पर भी चर्चा होती है इसलिए जितने भी बिंद बाहुल्य जिले हैं उन सब को 25 दिसम्बर के दिन बिंद दिवस के रूप में मनाना चाहिए ,जय हिंद जय बिंद |।  ====

संपादक एवं प्रकाशक ---

अनिश बिंद गाजीपुर