बिनय कुमार सरकार
बिनय कुमार सरकार (26 दिसम्बर, 1887 – 1949) भारत के समाजविज्ञानी, प्राध्यापक एवं राष्ट्रवादी चिन्तक थे। उन्होने कोलकाता में अनेकों संस्थाओं की स्थापना की जिनमें बंगाली समाजशास्त्र संस्थान (Bengali Institute of Sociology), बंगाली एशिया अकादमी, बंगाली दाँते सोसायटी (Bengali Dante Society), तथा बंगाली अमेरिकी संस्कृति संस्थान (Bengali Institute of American Culture) प्रमुख हैं।
बिनय कुमार सरकार বিনয় কুমার সরকার | |
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जन्म | British India |
मौत |
24 नवम्बर 1949 Washington D.C., United States | (उम्र 61 वर्ष)
राष्ट्रीयता | Indian |
पेशा | Social scientist |
धर्म | Hinduism |
पैतृक निवास बिक्रमपुर, ढाका। पिता सुधन्य कुमार सरकार। १९०१ ई मालदह जिला स्कूल से प्रथम स्थान प्राप्त करके १९०५ ई में प्रेसिडेन्सी कालेज में प्रवेश। वहाँ से छात्रवृत्ति के साथ बी ए तथा १९०६ ई में एम ए किया। वे अंग्रेजी और बंगला के अलावा ६ अन्य भाषाएँ जानते थे। विद्यार्थीजीवन में (१९०२) उन्होने ‘डन सोसाइटि’ में योगदान दिया। १९०७-११ ई तक बंगीय जातीय शिक्षा-परिषद में अध्यापन के समय मालदह में अनेक विद्यालयों की स्थापना की तथा राष्ट्रीय शिक्षा-बिषयक अनेकों ग्रन्थ रचे। उन्होने कई यूरोपीय लेखकों के ग्रन्थों का अनुवाद भी किया। १९०९ ई में इलाहाबाद के पाणिनि कार्यालय के गवेषक रहे। १९१४ ई से १९२५ ई तक उन्होने विश्वभ्रमण किया एवं विश्व के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अध्यापन किया। १९२६-१९४९ ई तक कोलकाता विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के अध्यापक रहे। उन्होने 'धनविज्ञान परिषद' की स्थापना की प्रतिष्ठाता ओ ‘आर्थिक उन्नति’ नामक मासिक पत्रिका का सम्पादन किया। उनके द्वारा रचित ग्रन्थों की संख्या १०० से अधिक है। विदेश में भारत की स्वाधीनता संग्रामी क्रान्तिकारियों की तरह-तरह से सहायता की। उनके अनुज धीरेन सरकार प्रवासी क्रांतिकारियों में अन्यतम थे। उन्होने बहुत से छात्रों को उच्चशिक्षा प्राप्त करने के लिये विदेश भेजा। स्वाधीन भारत की वाणी के प्रचार के लिये अमेरिका सफर के समय उनका देहान्त हो गया।
प्रमुख प्रकाशन
संपादित करेंउनके उल्लेखनीय ग्रन्थ हैं-
- निग्रोजातिर कर्मबीर,
- बर्तमान जगत् (१३ खण्ड),
- धनदौलतेर रूपान्तर,
- चीना सभ्यतार अ आ क ख,
- Creative India,
- The Science of History and the Hope of Mankind,
- Love in Hindu Literature,
- Hindu Achievements in Exact Science,
- Political Theories and Institutions of the Hindus,
- The Futurrism of Young Asia,
- Sociology of Young Asia,
- Sociology of population,
- Economic Development,
- Sociology of Races Cultures and Human progress,
- Village and Towns as Social Patterns इत्यादि।
- 1914/1921 The Positive Background of Hindu Sociology[1]
- 1916 The beginning of Hindu culture as world-power (A.D. 300-600)[2]
- 1916 Chinese Religion Through Hindu Eyes[3]
- 1918 Hindu achievements in exact science a study in the history of scientific development[4]
- 1919 "Hindu Theory of International Relations" APSR [5]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ published in two parts, the first in 1914 and the later in 1921: Sarkar, Benoy Kumar (1914) The Positive Background of Hindu Sociology (Part 1) Pânini Office, Allahabad, OCLC 2005865; and Sarkar, Benoy Kumar (1914) The Positive Background of Hindu Sociology (Part 2, with appendices by Brajendranáth Seal) Sudhindra Natha Vasu, Allahabad, OCLC 48121776
- ↑ Sarkar, Benoy Kumar (1916) The beginning of Hindu culture as world-power (A.D. 300-600) Commercial Press, Shanghai, OCLC 5732399
- ↑ Sarkar, Benoy Kumar (1916) Chinese Religion Through Hindu Eyes: a study in the tendencies of Asiatic mentality Commercial Press, Shanghai, OCLC 82020
- ↑ Sarkar, Benoy Kumar (1918) Hindu achievements in exact science a study in the history of scientific development Longmans, Green and Co., New York, OCLC 1193853
- ↑ The forgotten history of Indian international relations Archived 2018-03-30 at the वेबैक मशीन (Martin J. Bayly)