बिलाईगढ अपने आप में संस्कृति सभ्यता का गढ़ है बिलाईगढ़ का नाम बिलाई माता मंदिर के नाम से पड़ा यैसे माना जाता है बिलाईगढ़ की दीवानी प्रथा बहुत पुरानी है यहां के दीवान के द्वारा राजासाही दशहरा पर्व मनाया जाता है जिसमे तिरनदाज प्रतियोगिता वा लंबी कूद खेल का आयोजन किया जाता है जिसमे जितने वाले को भेट सरुप बकरा दिया जाता दीवान के द्वारा

बिलाईगढ़ क्षेत्र बहुत सारी सामाजिक व सांस्कृतिक रूप से सम्पन्न क्षेत्र यहां सभी प्रकार की जाती समुदाय की विशेषताओ को समेटे हुए है।