बिश्वेश्वर नाथ रेऊ
बिश्वेश्वर नाथ रेऊ (१८९०-१९६६) जोधपुर रियासत के इतिहास विभाग, पुरातत्व विभाग, सरदार संग्रहालय, पुस्तक प्रकाश (पांडुलिपि पुस्तकालय) तथा सुमेर पुस्तकालय के अध्यक्ष थे। महामहोपाध्याय पंडित रेऊ ने एक इतिहासकार, पुरालेखवेत्ता, मुद्राशास्त्रज्ञ तथा संस्कृतज्ञ के रूप में अपनी छाप छोड़ी[1]। पंडित रेऊ लिखित मारवाड़ का इतिहास सुप्रसिद्ध है[2]।
ग्रन्थकारिता
संपादित करेंपंडित रेऊ ने भारत के प्राचीन राजवंश तीन खण्डों में १९२०, १९२१ तथा १९३५ में प्रकाशित की। राजा भोज नामक पुस्तक १९३२ में प्रकाशित की गयी[3]। १९३३ में भारत के प्राचीन राजवंश के तृतीय खंड का एक संशोधित और विस्तृत संस्करण हिस्ट्री ऑफ़ दी राष्ट्रकूट के रूप में लोकार्पित किया गया[4]। मारवाड़ का इतिहास के दो खण्डों का १९३८ तथा १९४० में विमोचन हुआ। १९४६ में कॉइन्स ऑफ़ मारवाड़ प्रकाशित हुई तथा राठौड़ दुर्गादास की जीवनी १९४८ में लोकार्पित हुई।
रचनाएँ
संपादित करें- भारत के प्राचीन राजवंश, संपादक: भगवतीलाल राजपुरोहित, प्रकाशक: जयपुर पब्लिकेशन स्कीम २०००
- राजा भोज, प्रकाशक: हिंदुस्तान अकादमी १९३२
- हिस्ट्री ऑफ़ दी राष्ट्रकूट, प्रकाशक: पुरातत्व विभाग, जोधपुर
- राष्ट्रकूटों का इतिहास : प्रारम्भ से लेकर राव सिहाजी के मारवाड़ में आने तक (हिस्ट्री ऑफ़ दी राष्ट्रकूट का हिन्दी अनुवाद) प्रकाशक: पुरातत्व विभाग, जोधपुर १९३४
- मारवाड़ का इतिहास, प्रकाशक: पुरातत्व विभाग, जोधपुर १९३८
- ग्लोरी ऑफ़ मारवाड़ एंड दी ग्लोरियस राठौड़, प्रकाशक: पुरातत्व विभाग, जोधपुर १९४८
- कॉइन्स ऑफ़ मारवाड़ फ्रॉम ४०० बी. सी. टू १९४५ ए. डी., १९४६ में प्रकाशित
- राठौड़ दुर्गादास: ए वेल नोन हीरो ऑफ़ मारवाड़, प्रकाशक: राजस्थान साहित्य अकादमी, १९६४
- ऋग्वेद का सामाजिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक सार, प्रकाशक: राजस्थान साहित्य अकादमी १९६४
- ऋग्वेद पर एक ऐतिहासिक दृष्टि, प्रकाशक: मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली १९६७
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ श्रीवास्तव, विजय शंकर (1981) कल्चरल कोंटूर्स ऑफ़ इंडिया पृष्ठ ३८ अभिनव प्रकाशन दिल्ली ISBN 978-0-391-02358-1
- ↑ दशरथ शर्मा (१९७०) लेक्चर्स ऑन राजपूत हिस्टरी एंड कल्चर मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली पृष्ठ १ ISBN 0-8426-0262-3
- ↑ कल्चरल कॉणटूर्स ऑफ़ इंडिया पृष्ठ ३८
- ↑ "लाइब्रेरी ऑफ़ कांग्रेस संग्रह सूची". मूल से 3 दिसंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 अक्तूबर 2013.