बिहार योग विद्यालय
बिहार योग विद्यालय योग से सम्बन्धित शिक्षण-प्रशिक्षण का अन्तरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त विश्वविद्यालय है। यह बिहार के मुंगेर नगर में गंगा नदी के किनारे स्थित है। यह विद्यालय 'गंगा दर्शन' के लिए प्रसिद्ध है। इसकी स्थापना सन् १९६४ में स्वामी सत्यानन्द सरस्वती ने अपने गुरु स्वामी शिवानन्द की इच्छानुसार विश्व को योग की प्राचीन विद्या की शिक्षा देने के निमित्त की थी।
बिहार अन्तरराष्ट्रीय योग विद्यालय | |
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Bihar school of yoga.jpg | |
स्थापित | 1963 |
प्रकार: | योग |
अवस्थिति: | मुंगेर, बिहार, भारत और विश्व के अन्य देश |
जालपृष्ठ: | biharyoga.net |
बिहार योग विद्यालय योग प्रशिक्षण प्रदान करने वाली एक दातव्य एवं शैक्षणिक संस्था है। आज यह विश्व का प्रथम योग विश्वविद्यालय है।[1] इसके 200 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय एवं सैकड़ों राष्ट्रीय योग एवं आध्यात्मिक केन्द्र है। इसे मानद विश्वविद्यालय (डीम्ड यूनिवर्सिटी) का दर्जा दिया गया है। वर्तमान में गुरुकुल शैली में यहाँ चातुर्मासिक योग सर्टिफिकेट कोर्स का संचालन होता है।
यह संस्था योग दर्शन, योग मनोविज्ञान, अप्लाइड योग एवं पर्यावरण योग विज्ञान में उच्च अध्ययन के लिए एक वर्ष एवं दो वर्ष का कोर्स कराती है। यहां योग शोध संस्थान का एक वृहद पुस्तकालय भी है। इसमें विश्व के कोने-कोने से विद्यार्थी अध्ययन करने आते हैं। बाद में वे अपने-अपने देश में जाकर योग केंद्र भी चलाते हैं।[2]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "बिहार स्कूल ऑफ योग : दुनिया का पहला योग विश्वविद्यालयl". मूल से 18 जून 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 जून 2015.
- ↑ मुंगेर में विश्व योग सम्मेलन[मृत कड़ियाँ]