बीसतून
बीसतून पश्चिम ईरान में एक स्थान है जो अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए विख्यात है। यह करमनशाह से क़रीब 30 किमी दूर हमादान जाने वाली सड़क पर उपस्थित है। यहाँ पर दारा प्रथम के शिलालेख के अलावा हर्क्युलेस की विश्राम की अवस्था में प्रस्तरछवि, पार्थियनों (दूसरी सदी) की अग्नि पूजा, एक सासानी पुल (पाँचवीं सदी), मंगोल आक्रमण के भग्नावशेष (तेरहवीं सदी), एक सत्रहवीं सदी में निर्मित सराय (कारवांसराय) और उन्नासवीं सदी में बनाई गई घेराबंदी देखी जा सकती है।[1] यह स्थान ईरानी इतिहास के संग्रहालय की तरह है।
यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल | |
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स्थान | Mount Behistun, Kermanshah Province, Iran |
मानदंड | Cultural: ii, iii |
सन्दर्भ | 1222 |
शिलालेख | 2006 (30 सत्र) |
क्षेत्र | 187 ha |
मध्यवर्ती क्षेत्र | 361 ha |
निर्देशांक | 34°23′26″N 47°26′9″E / 34.39056°N 47.43583°Eनिर्देशांक: 34°23′26″N 47°26′9″E / 34.39056°N 47.43583°E |
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