बी॰डी॰ मिश्रा
ब्रिगेडियर चिकित्सक बी॰डी॰ मिश्रा भारतीय सेना के पूर्व ब्रिगेडियर हैं। वह अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल थे और लद्दाख के उपराज्यपाल हैं।[1]
उत्तर प्रदेश में जन्मे मिश्रा को 1961 में इन्फैंट्री की मद्रास रेजीमेंट में कमीशन मिला। उन्होंने तीन दशकों तक सेना में काम किया। उन्होंने 1962 के चीन-भारतीय युद्ध, 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध और 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान देश की सेवा की। इसके बाद उन्होंने पुंछ सेक्टर में एक इन्फैंट्री बटालियन और श्रीलंका में भारतीय शांति सेना (IPKF) के एक भाग के रूप में एक इन्फैंट्री ब्रिगेड की कमान संभाली। उन्होंने जाफना-पाली अक्ष पर ऑपरेशन पवन के दौरान और जाफना युद्ध के बाद 1987 से 1988 तक त्रिंकोमाली में लिट्टे से लड़ाई लड़ी।
नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के काउंटर हाईजैक फोर्स के कमांडर के रूप में मिश्रा ने 1993 में अमृतसर के राजा सांसी एयरफील्ड में हाइजैक इंडियन एयरलाइंस के विमान पर एक ऑपरेशन का नेतृत्व किया था और 126 यात्रियों, नौ शिशुओं और चालक दल के छह सदस्यों को बचाया। इस ऑपरेशन के लिए उन्हें भारत के प्रधानमंत्री से प्रशंसा मिली। वह 1995 में सेवा से रिटायर हो गए थे। इसके ठीक चार साल बाद जब कारगिल युद्ध छिड़ गया तो उन्होंने खुद से वॉर में दोबारा जाने की जिद ठान ली थी।
बिग्रेडियर (रिटायर) बीडी मिश्रा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और मद्रास यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र हैं। यहां उन्होंने क्रमशः एमए और एमएससी की डिग्री प्राप्त की। मिश्रा ने ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय से पीएचडी भी की है। उन्होंने मध्य प्रदेश में महू छावनी के कॉलेज ऑफ कॉम्बैट और तमिलनाडु के वेलिंगटन छावनी में रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज में पढ़ाया। उन्होंने 3 अक्टूबर, 2017 को अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "भदोही के रिटायर्ड ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा बने अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल, जिले में खुशी की लहर". पत्रिका (hindi में). मूल से 24 मार्च 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 मार्च 2020.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
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