बुख़ारी दौरे

नन्हें शिशुओं और छोटे बच्चों में बुखार के दौरान आने वाले झटकों, अकड़न और बेहोशी के दौरों को फेब्र
(बुखारी दौरे से अनुप्रेषित)

नन्हें शिशुओं और छोटे बच्चों (६ वर्ष से कम) में बुखार के दौरान आने वाले झटकों, अकड़न और बेहोशी के दौरों को फेब्राइल कन्वल्शन (febrile convulsion या febrile seizure या fever fit) या बुख़ारी दौरे कहते हैं।

Springs of health in Great Britain and France (1917) (14782534265)

इस दौरान आंखे खुली रह जाती है या ऊपर की दिशा में मुड जाती है। बच्चे को आसपास का ध्यान नहीं रहता। हाथ, पैर और चेहरे की मांसपेशियों में बार-बार झटके आते हैं जो प्रायः पूरे शरीर को, दायीं तथा बायीं दोनो ओर समान रूप से प्रभावित करते हैं। लेकिन कुछ मामलों में ये झटके शरीर के एक सीमित भाग में ही आ कर रुक जाते हैं। कभी-कभी हाथ पैरों में अकडन या टाइटनेस आ सकती है। इन दौरों की अवधि मुश्किल से कुछ सेकण्डस से १ या २ मिनिट होती है। यदाकदा ये दस-पन्द्रह मिनिट तक खिच सकते हैं।

फेब्राइल कन्वल्शन के समय अधिकांश बच्चों में शरीर का तापमान १०२ डिग्री फेरेन्हाईट के आसपास होता है, खास कर तब जब थर्मामीटर को रेक्टम (गुदाद्वार, टट्टी करने का छिद्र) में लगाकर जांचा गया हो। बगल में, कांख में एक्जिला थर्मामीटर लगाने से अनेक बार सही उत्तर नहीं मिलता। बुखार लाने वाली बीमारी एक, दो या अधिक दिन जारी रह सकती है, परन्तु ये दौरे बुखार के प्रथम दिवस पर ही आ जाते हैं। शारीरिक तापमान के स्तर के अलावा, बुखार बढने की गति का भी इन दौरों से सम्बन्ध है। बुख़ारी दौरों को मिर्गी के अन्तर्गत नही माना जाता है। मिर्गी के दौरे, ऊपरी तौर पर मिलते-जुलते प्रतीत होते हैं, परन्तु उनका बुखार से सम्बन्ध नहीं होता।

बुख़ारी दौरे की व्यापकता कितनी है ? संपादित करें

६ माह से ६ वर्ष की उम्र के बीच लगभग चार या पांच प्रतिशत बच्चों में कम से कम एक बुख़ारी दौरा देखा जा सकता है। अर्थात हर बीस या पच्चीस में से एक। जितने बच्चों को पहली बार बुखार दौरा आया हो, उनमें से लगभग एक तिहाई से आधों में दुबारा या और भी अधिक बार ऐसी ही स्थिति बनने का अंदेशा रहता है। बाकी में सिर्फ एक बार आ कर रह जाता है। प्रथम बुख़ारी दौरा अक्सर तीन वर्ष की उम्र के पहले आ चुका होता है। जिन बच्चों में इस अवस्था की शुरुआत तीन वर्ष की उम्र के बाद होती है, उनमें बार-बार दौरे आने की संभावना कम रहती है।

किन बच्चों में बार-बार बुख़ारी दौरे आने की आशंका अधिक रहती है ?

  • १५ महीने (सवा साल) की उम्र के पहले ही प्रथम दौरे की शुरुआत
  • बार-बार बुखार आने की प्रवृत्ति
  • परिवार के निकट संबंधियों में भी बुख़ारी दौरे आने का इतिहास होना
  • कम तीव्रता वाले बुखार में ही दौरा आ जाना

बुख़ारी दौरे की अवधि (कुछ सेकन्ड या अनेक मिनिट) का भविष्य की पुनरावृत्ति से सम्बन्ध नहीं पाया गया है।

क्या बुख़ारी दौरे खतरनाक तथा नुकसानप्रद हैं ? संपादित करें

दिखने में भयावह लगने वाले बुखारी दौरे काफी हद तक हानिरहित हैं। दौरे के समय मातापिता को लगता है कि बच्चा मर जायेगा, परन्तु ऐसा कभी नहीं होता। बिरले ही कभी कभार गिरने से चोट लग सकती है या श्वास नली में भोजन या लार अटक सकती है। आसान सी प्राथमिक चिकित्सा द्वारा इन समस्याओं को टाला जा सकता है। इस बात का कोई पुख्ता व प्रत्यक्ष प्रमाण नही है कि बुख़ारी दौरों से मस्तिष्क को स्थायी नुकसान पहुँचता है। हजारों बच्चों को अनेक वर्षों तक शोध पूर्ण निगरानी में रखने के बाद पाया गया कि उनकी बुद्धिमत्ता और शैक्षिक उपलब्धियों में किसी प्रकार की कमी न थी। यहां तक कि उन दुर्लभ कठिन मामलों में भी, जब कि ये दौरे एक घण्टे कही लम्बी अवधि तक जारी रहे हों, बच्चे बाद में पूरी तरह स्वस्थ हो जाते हैं।

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें

[[श्रेणी: औषधि]]