बुराड़ी मौतें (अंग्रेज़ी: Burari deaths) 2018 में दिल्ली के बुराड़ी इलाके में रहने वाले चुंडावत परिवार[1] के ग्यारह सदस्यों के सामूहिक आत्महत्या[2] की घटना थी। घर के 11 में से 10 सदस्यों को फांसी पर लटका पाया गया। परिवार के सबसे बुजुर्ग सदस्य नारायणी देवी (दादी) का शव जमीन पर पड़ा मिला था। यह अनुमान लगाया गया कि नारायणी देवी का गला घोंटा गया था और अन्य 10 सदस्यों की मौत फांसी के कारण हुई थी। फांसी से मरने वाले सदस्यों के शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं थे, लेकिन उनमें से कुछ की गर्दन टूट गई थी। उनकी आंखों पर पट्टी थी और हाथ-पैर भी बंधे हुए थे। मृत्यु के बाद सुबह 1 जुलाई 2018 को शव मिले थे। पुलिस ने माना कि मौतें साझा भ्रम या मनोविकार से प्रेरित थीं।[3][4] नेटफ्लिक्स की डॉक्यू-सीरीज़ हाउस ऑफ़ सीक्रेट्स : द बुरारी डेथ्स इसी घटना पर आधारित है। जिसके निर्माता लीना यादव और अनुभव चोपड़ा हैं।[5]

बुराड़ी मौतें
स्थान गली नं. 4
संत नगर
बुराड़ी, दिल्ली, भारत
निर्देशांक 28°44′29″N 77°11′53″E / 28.741460875798825°N 77.19812484140637°E / 28.741460875798825; 77.19812484140637निर्देशांक: 28°44′29″N 77°11′53″E / 28.741460875798825°N 77.19812484140637°E / 28.741460875798825; 77.19812484140637
तिथि 1 जुलाई 2018
हमले का प्रकार सामूहिक आत्महत्या, गला घोंटना
मृत्यु 11
अपराधी भाटिया परिवार
भागीदार संख्या 11

पृष्ठभूमि संपादित करें

चुंडावत परिवार जिसे पड़ोसियों द्वारा भाटिया परिवार के रूप में भी जाना जाता था[1],संत नगर के दो मंजिला घर में लगभग बीस वर्षों से रह रहे थें। उनका पैतृक निवास हरियाणा के टोहाना शहर में था। परिवार उसी इलाके में किराने की दुकान और प्लाईवुड का कारोबार करता था। परिवार के सदस्य थे :

  • नारायणी देवी (80), भुवनेश, ललित और प्रतिभा की माँ
  • प्रतिभा भाटिया (57), नारायणी देवी की विधवा बेटी
  • भुवनेश (50), नारायणी देवी का बड़ा बेटा
  • ललित (45), नारायणी देवी का छोटा बेटा
  • सविता (48), भुवनेश की पत्नी, नारायणी देवी की बड़ी बहू
  • टीना (42), ललित की पत्नी, नारायणी देवी की छोटी बहू
  • प्रियंका (33), प्रतिभा की इकलौती बेटी
  • नीतू (25), भुवनेश की बड़ी बेटी
  • मोनू (23), भुवनेश की छोटी बेटी
  • ध्रुव (15), भुवनेश का इकलौता बेटा और सबसे छोटा बच्चा
  • शिवम (15), ललित का इकलौता बेटा।

2007 में[6] ललित के पिता भोपाल सिंह की प्राकृतिक कारणों से मृत्यु हो गई। पिता की मौत के बाद ललित बहुत अंतर्मुखी हो गया था। एक दिन उसने अपने परिवार को बताया कि उस पर उसके पिता की आत्मा का साया है, जिसने उसे एक अच्छा जीवन प्राप्त करने के उपाय बताए। 2007 से वह अपने पिता के "निर्देशों" पर एक डायरी बनाने लगा और प्रतिदिन डायरी में कुछ ना कुछ लिखने लगा।[7]

शवों का मिलना संपादित करें

1 जुलाई 2018 की सुबह (करीब 7:15 बजे) पड़ोसी गुरचरण सिंह भाटिया परिवार के आवास पर जाते हैं। गुरचरण सिंह ने गौर किया कि ना तो चुंडावत की दुकानें अब तक खुली हैं ना ही ललित सुबह टहलने के लिए बाहर आया। दुकानें आमतौर पर सुबह 5 से 5:30 बजे के बीच खुलती थीं। गुरचरण सिंह ने घर का दरवाजा खुला पाया और अंदर जाने पर देखा की ललित समेत दस लोग फांसी पर लटक रहे हैं। उन्होंने अन्य पड़ोसियों को सूचना दी। पुलिस को सुबह करीब साढ़े सात बजे फोन आया।[8][9]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. हेमानी भंडारी. "बुराड़ी कांड: एक काले रहस्य के साथ 11 लोग". द हिंदू. अभिगमन तिथि 21 जून 2023.
  2. "सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि 11 बुराड़ी मौतों से पहले क्या हुआ था". इंडिया टूडे. अभिगमन तिथि 21 जून 2023.
  3. "बुराड़ी मौत: परिवार हो सकता है 'शेयर्ड साइकोसिस' का शिकार". द हिंदू बिजनेस लाइन. अभिगमन तिथि 21 जून 2023.
  4. "बुराड़ी कांड: सीसीटीवी फुटेज से आत्महत्या की योजना का खुलासा". द हिंदू बिजनेस लाइन. अभिगमन तिथि 21 जून 2023.
  5. एकता मलिक. "हाउस ऑफ सीक्रेट्स द बुरारी डेथ्स की डायरेक्टर लीना यादव: 'अपराध के पीछे का दिमाग सबसे बड़ी पकड़ है'". इंडियन एक्सप्रेस. अभिगमन तिथि 21 जून 2023.
  6. कर्ण प्रताप सिंह, शिव सन्नी. "बुराड़ी फांसी: दिल्ली पुलिस को शक है कि सप्ताह भर चलने वाली 'रस्म' के कारण मौतें हुईं". हिंदुस्तान टाइम्स. अभिगमन तिथि 21 जून 2023.
  7. "बुराड़ी मौत: भाई ने कहा- पिता की आत्मा ने मुझ पर किया कब्जा, दिशा-निर्देश दिए". द इंडियन एक्सप्रेस. अभिगमन तिथि 21 जून 2023.
  8. "दिल्ली: बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 सदस्यों के शव मिले, जांच जारी". द इकॉनामिक टाइम्स. अभिगमन तिथि 21 जून 2023.
  9. "दिल्ली रहस्य मौतें: हम क्या जानते हैं और क्या नहीं". द टाइम्स ऑफ इंडिया. अभिगमन तिथि 21 जून 2023.