बेकल उत्साही

भारतीय लेखक

बेकल उत्साही (१९२८ – ३ दिसंबर २०१६) का वास्तविक नाम शफ़ी खाँ लोदी था।[2] वे एक कवि, लेखक और राजीनीतिज्ञ थे। उत्साही हिंदी-उर्दू और अवधी भाषा से जुड़े थे।[3] इन्ही भाषाओं करके उन्होंने कविताएँ और गीत लिखे हैं।[4]

बेकल उत्साही

२०१३ में बेकल उत्साही
जन्म शफ़ी खाँ लोदी
१९२८
बलरामपुर, उत्तर प्रदेश, भारत
मौत ३ दिसंबर २०१६ (उमिर ८८)[1]
नई दिल्ली , भारत
मौत की वजह बीमारी /बुढ़ापा
आवास नई दिल्ली, बलरामपुर
राष्ट्रीयता भारतीय
पेशा कवि, लेखक, नेता
माता-पिता ज़फ़र खाँ लोदी, बिस्मिल्ला बेगम
वेबसाइट
http://bekalutsahi.webs.com

इसके अलावा, उत्साही काँग्रेस पार्टी से जुड़े थे। वे राज्य सभा के सदस्य भी रहे। उत्साही को पद्मश्री और यश भारती सम्मान भी प्राप्त हुए।

बेकल उत्साही का वास्तविक नाम शफ़ी खाँ लोदी था। इनके पिता का नाम ज़फ़र खां लोदी और माँ का नाम बिस्मिल्ला था। इनका जनम सन् १९२८ में बलरामपुर जिला में हुआ। सुरुआती पढ़ाई अपने गाँव की जबकि हाईस्कूल के पढ़ाई बलरामपुर के ऍस॰सी॰ कॉलेज से की।[2]

१९५२ के चुनाव प्रचार में जवाहरलाल नेहरू गोंडा के दौरा पर आए थे। इसी समय इनकी कविता "किसान भारत का" सुनकर इनके उत्साह की प्रशंसा की, जिसके बाद बेकल ने "उत्साही" को अपने हिस्सा बनाया।[2]

राजनीतिक जीवन

संपादित करें

उत्साही कांग्रेस से जुड़े रहे और इंदिरा गाँधी के करीबी बने। राष्ट्रीय अखंडता के खातिर काम करने के कारण इनको राज्य सभा के लिए नामांकित किया गया।[5] वे राष्ट्रीय एकता परिषद के सदस्य भी रहे, जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं।[6]

बेकल उत्साही को हिंदी और उर्दू के बीच की दूरी कम करनेवाला साहित्यकार माना जाता है।[7] इनकी कुछ प्रमुख रचनाओं के नाम नीचे दिए गए हैं:

  • नगमा-ओ-तरन्नुम (१९५८)
  • बिगुलविजय
  • लहके बगिया महके खेत
  • सरवरे जाविदाँ (१९६०)
  • अपनी धरती चाँद का दर्पन
  • पुरवाईयाँ (१९७६)
  • कोमल मुखड़े बेकल गीत
  • शुआमजी (१९८४)
  • चल गोरी दोहापुरम्
  • नेपाल के शाह महेंद्र के गीत संग्रह बसई को लोग का अनुवाद
  • फिलिस्तीनी कवि महमूद दरवेश की रचना का अनुवाद

१९७६ में उत्साही को पद्मश्री सम्मान मिला। इसके अलावा इनको उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यश भारती से सम्मानित किया गया।[8]

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 4 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 दिसंबर 2016.
  2. Awadhi Granthawali-4. Vani Prakashan. 2011. पपृ॰ 393–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-8143-904-8. मूल से 21 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 दिसंबर 2016.
  3. Hamare lok Priya Geetkar Bekal Utsahi. Vani Prakashan. पपृ॰ 8–. मूल से 21 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 दिसंबर 2016.
  4. Cala gorī dohāpuram. Vāṇī Prakāśana. 2009. पपृ॰ 5–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-5000-006-9. मूल से 21 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 दिसंबर 2016.
  5. List of Former Members of Rajya Sabha (Term Wise) Archived 2015-09-26 at the वेबैक मशीन. Rajya Sabha Secretariat.
  6. Re-constitution of the National Integration Council Archived 2016-03-05 at the वेबैक मशीन. Government of India, Ministry of Home Affairs (5 April 2010) . Retrieved on 3 December 2016.
  7. Bṛhad Urdū sāhitya kośa. Vāṇī Prakāsana. 2002. पपृ॰ 347–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7055-985-6. मूल से 21 दिसंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 दिसंबर 2016.
  8. Akhilesh honours 56 achievers with Yash Bharti Archived 2017-01-06 at the वेबैक मशीन. Times of India (10 February 2015). Retrieved on 2016-12-03.