बेतारी टेलीग्राफी
वायरलेस टेलीग्राफी या रेडियोटेलीग्राफी रेडियो तरंगों द्वारा टेलीग्राफ संकेतों का प्रसारण है।
विद्युतचुम्बकीय तरंगों के उत्पादन एवं संप्रेषण संबंधी हर्ट्ज के प्रयोग के लगभग छह वर्षों के अनंतर, सन् 1894 में, सर ऑलिवर लॉज नामक वैज्ञानिक ने बेतार के तारसंचार (wireless telegraphy) द्वारा संकेतप्रेषण का सर्वप्रथम सफल प्रयोग किया और सन् 1897 ई. के लगभग प्रेषक एवं संग्राहक परिपथों के समस्वरण (tuning) का सिद्धांत प्रतिपादित किया। सन् 1894 में ही गूलिएल्मो मारकोनी (Gulielmo Marconi) नामक इंजीनियर ने बोलोन्या (Bologna) में बेतार के तार द्वारा वार्तावहन का सफल प्रदर्शन किया और 1899 ई. में इंग्लिश चैनेल के उस पार बेतार का संकेत प्रेषित करने में सफलता प्राप्त की। सन् 1901 में मारकोनी ने न्यूफाउंडलैंड के सेंट जॉन्ज़ नगर में एक पतंग से एरियल लटकाकर इंग्लैंड में कॉर्नवॉल के पोल्थू नामक स्थान से प्रेषित सिगनलों को ग्रहण किया।
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- आनलाइन संसाधन
- John Joseph Fahie, A History of Wireless Telegraphy, 1838-1899: including some bare-wire proposals for subaqueous telegraphs, 1899 (first edition).
- John Joseph Fahie, A History of Wireless Telegraphy: including some bare-wire proposals for subaqueous telegraphs, 1901 (second edition).
- John Joseph Fahie, A History of Wireless Telegraphy: including some bare-wire proposals for subaqueous telegraphs, 1901 (second edition, in HTML format).
- Alfred Thomas Story, The Story of Wireless Telegraphy, 1904 [1]
- James Bowman Lindsay A short biography on his efforts on electric lamps and telegraphy.
- Sparks Telegraph Key Review
- अन्य
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