बेल एपोक

स्पेनिश फिल्म

बेल एपोक (स्पेनी: Belle Époque, बेल एपोक, अर्थ: सुन्दर ज़माना) सन् १९९२ में बनी एक स्पेनी फ़िल्म है जिसका निर्देशन फ़ेरनान्दो त्रुएबा (Fernando Trueba) ने किया था।[1] इस फ़िल्म ने संयुक्त राज्य अमेरिका के ६६वें अकेडेमी पुरस्कार की सर्वोत्तम विदेशी-भाषा फ़िल्म की श्रेणी का ईनाम जीता था और सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का गोया पुरस्कार भी जीता था।

फ़ेरनान्दो त्रुएबा 'बेल एपोक' के निर्देशक हैं

फ़िल्म १९३१ के वर्ष में आधारित है जब स्पेन में गणतंत्रीय (रिपब्लिकन) और परम्परावादी शक्तियों के बीच लड़ाई चल रही थी। फ़ेरनान्दो एक सिपाही है जो अपने सैनिक-दस्ते से भागकर एक छोटी सी बस्ती में शरण लेता है, जहाँ वह एक बड़े से घर में रह रहे मानोलो नामक वृद्ध से दोस्ती कर लेता है। बूढ़े मानोलो की चार बेटियाँ हैं और एक-एक करके फ़ेरनान्दो के उन सभी के साथ प्रेम-सम्बन्ध और फिर शारीरिक सम्बन्ध, हो जाते हैं। हर एक से प्यार करके वह सोचता है कि उस वाली से विवाह कर लेगा लेकिन हर बार कोई-न-कोई कठिनाई आ जाती है। पहली, क्लारा, एक विधवा है जो फ़ेरनान्दो का साथ अपने दुख से लड़ने के लिए चाहती है। दूसरी, वायोलेता, वास्तव में एक समलैंगिक स्त्री (लेस्बियन) है जो फ़ेरनान्दो की तरफ़ तभी आकर्षित होती है अगर वह स्त्रियों वाले कपड़े पहने। तीसरी, रोकियो, शाही घराने में ब्याहकर अमीर बनना चाहती है और फ़ेरनान्दो के साथ केवल दिल बहलाने के लिए समय गुज़ार रही है। बूढ़ा मानोलो चाहता है कि फ़ेरनान्दो किसी एक से तो शादी कर ले और हर नाकाम प्रयास के बाद वह फ़ेरनान्दो को सांत्वना देता है कि वह हिम्मत न हारे और अगली बेटी के साथ कोशिश कर देखे। सबसे छोटी बेटी, लुज़, नादान दर्शाई गई है। फ़ेरनान्दो के हर बहन के साथ प्रेम होने पर उसकी जलन बढ़ती रहती है। अंत में फ़ेरनान्दो समझ जाता है कि चारों बहनों में वही उसके लिए ठीक पत्नी रहेगी।

इन्हें भी देखें

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  1. Splendors of Latin Cinema, Rafael Hernández Rodríguez, pp. 7, ABC-CLIO, 2010, ISBN 978-0-313-34978-2, ... This is also the case of another movie of the same year, Belle Epoque (1992), by Fernando Trueba, another veteran. This movie executes a similar revisionism of national identity through over-the-top parody. Winner of an Oscar for best foreign language film ...