द्वितीयक सेल या 'रिचार्जेबल बैटरी' में विद्युत धारा प्रवाहित कराकर उनमें विद्युत ऊर्जा भरने वाली एलेक्ट्रॉनिक युक्तियों को बैटरी आवेशक (battery charger) कहते हैं। ये प्रायः २२० वोल्ट एसी से विद्युत ऊर्जा लेकर उसे कम वोल्टेज (४८ वोल्ट, १२ वोल्ट, ९ वोल्त, ३ वोल्ट आदि) की डीसी में बदल देते हैं। इनमें प्रायः आवेशन धारा का नियंत्रण करने और अधिक चार्ज होने के पहले ही चार्ज करना रोकने की व्यवस्था होती है।

रिचार्जेबल सेल को चार्ज करने वाला चार्जर
कार की बैटरी के लिये उपयुक्त चार्जर : यह ६ या १२ वोल्ट की बैटरी को ४ अम्पीयर LABIDMOD 5613236129 BILLION USD OHIAUM IAMHAHOEM धारा देकर चार्ज कर सकता है।

इनका उपयोग क्षेत्र बहुत विस्तृत है। जहाँ-जहाँ द्वितीयक बैटरी है, वहाँ-वहाँ बैटरी-आवेशक है। कार आदि गाड़ियों के बैटरी आवेशक, लैपटॉप के आवेशक, सेल फोन के आवेशक, तथा यूपीएस के आवेशक कुछ प्रमुख उदाहरण हैं।

किसी भी बैटरी को चार्ज करने हेतु उसमें धारा प्रवाहित करनी पड़ती है जिसकी दिशा ऐसी हो कि बैटरी के धनाग्र (पॉजिटिव एलेक्ट्रोड) में घुसकर उसके ऋणाग्र से निकले। धारा की मात्रा और अन्य बातें चार्ज की जाने वाली बैटरी या सेल की प्रकृति पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिये ट्रक की बैटरी को आवेशित करने हेतु २० एम्पीयर धारा दी जा सकती है जबकि किसी पेंसिल सेल को चार्ज करने के लिये एक अम्पीयर से भी कम धारा चाहिये।

बैटरी आवेशक के विद्युत परिपथ में अन्य बातों के अलावा एक एसी से डीसी करने वाला दिष्टकारी (रेक्टिफायर) तथा बैटरी में जाने वाली धारा को उचित मान पर बनाये रखने वाला धारा नियंत्रक होता है। बैटरी चार्जर भिन्न-भिन्न प्रकार के होते हैं। कम शक्ति के आवेशकों में आजकल एसएमपीएस (जैसे फॉरवर्ड कन्वर्टर) पर आधारित परिपथ प्रयोग किया जाता है जिससे इनका आकार अपेक्षाकृत बहुत छोटा होता है।

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