बोड़ो लोग

पूर्वोत्तर भारत के असम राज्य के मूल निवासी, जनजाति

बोड़ो (असमिया: বড়ো/बोड़ो: बड़ो) पूर्वोत्तर भारत के असम राज्य के मूल निवासी हैं और भारत की एक महत्वपूर्ण जनजाति हैं। बोड़ो समुदाय स्वयं एक बृहत बोड़ो-कछारी समुदाय का हिस्सा माने जाते हैं। सन् २०११ की भारतीय राष्ट्रीय जनगणना में लगभग २० लाख भारतीयों ने स्वयं को बोड़ो बताया था जिसके अनुसार वे असम की कुल आबादी के ५.५% हैं। भारतीय संविधान की छठी धारा के तहत वे एक अनुसूचित जनजाति हैं।

बोडो
बोरो या बोड़ो
बोड़ोलैंड, असम की एक बोड़ो युवती अपने बनाये सामान को हाट में विक्रय हेतु ले जाते हुए।
कुल जनसंख्या
2,000,000 (लगभग)
विशेष निवासक्षेत्र
 भारत (बोडोलैंड)1,200,000 (लगभग)
 भारत (असम)324,500
 भारत (पश्चिम बंगाल)124,000
भाषाएँ
बोड़ो भाषा
धर्म
बाथोइज़्म, बोडो ब्रह्म धर्म एवं ईसाई
सम्बन्धित सजातीय समूह
बोड़ो-कछारी, कछारी लोग, हैजोंग लोग, गारो लोग
एक समारोह में नाचती बोड़ो लड़कियाँ


बोड़ो लोगों की मातृभाषा भी बोड़ो भाषा कहलाती है, जो एक ब्रह्मपुत्री भाषा है। ब्रह्मपुत्री भाषाएँ तिब्बती-बर्मी भाषा-परिवार की एक शाखा है। धार्मिक दृष्टि से २००१ की जनगणना में लगभग ९०% प्रतिशत बोड़ो हिन्दू थे।[1][2]







सन्दर्भ संपादित करें

  1. Table ST-14, Census of India 2001
  2. Ethnic Issues, Secularism and Conflict Resolution in North East India, pp. 145, Concept Publishing Company, 2006, ISBN 9788180691348, ... Amongst the plains tribals in the state of Assam, the Bodos are the largest group, their population being concentrated mostly on the north bank of the Brahmaputra river, with some of them staying on the south bank ...

इन्हें भी देखें संपादित करें