बोरिस लेओन्त्येविच गोर्बातोव
बोरिस लेओन्त्येविच गोर्बातोव (2.7.1908 - 20.1.1954) रूसी लेखक थे। साहित्यिक कार्य का आरंभ 1922 में हुआ। इनके अनेक उपन्यासों में मजदूरों के जीवन का वर्णन मिलता है। इनमें मुख्य हैं 'मेरी पीढ़ी' (1933), 'अलेक्सै गैदार' (1955) और 'दोनबास' (1951)। कई कृतियों में विगत महायुद्धकालीन सोवियत संघ की जनता के जीवन और संघर्ष का प्रतिबिंब मिलता है, जैसे 'योद्धा अलेक्सै कुलिकोव' (1942), 'एक दोस्त के लिये चिट्ठियाँ' (1942), 'अपराजित' (या 'तरास का परिवार') (1943)। 'साधारण आर्कटिका' नामक कहानी संग्रह में (1937) उन विशेषज्ञों के जीवन का चित्र दिया गया है जो ध्रुवों में काम करते हैं।