बोस-आइंस्टाइन संघनन
(बोस-आइंस्टीन कंडन्सेट से अनुप्रेषित)
बोस-आइंस्टाइन द्राव या बोस-आइंस्टाइन संघनित (Bose–Einstein condensate (BEC)) पदार्थ की एक अवस्था जिसमें बोसॉन की तनु गैस को परम शून्य (0 K या −273.15 °C) के बहुत निकट के ताप तक ठण्डा कर दिया जाता है। इस स्थिति में अधिसंख्य बोसॉन निम्नतम क्वाण्टम अवस्था में होते हैं और क्वाण्टम प्रभाव स्थूल पैमाने पर भी दिखने लगते हैं। इन प्रभावों को 'स्थूल क्वाण्टम परिघटना' (macroscopic quantum phenomena) कहते हैं।
पदार्थ की इस अवस्था की सबसे पहले भविष्यवाणी 1924-25 में सत्येन्द्रनाथ बोस ने की थी। किन्तु बाद में किये गये प्रयोगों से जटिल अन्तरक्रिया का पता चला।
बाद में Einstein ने भी डिस्कवरी की isiliye इसका नाम बोस Einstein condensate हुआ