बोस संस्थान
बोस संस्थान (बोस इंस्टीट्यूट) कोलकाता में स्थित एक वैज्ञानिक शोध संस्थान है।[1] इसकी स्थापना भारत के महान वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बसु ने १९१७ में की थी।[2] बोस अपनी मृत्यु तक पहले बीस वर्षों तक इसके निदेशक रहे। देबेंद्र मोहन बोस, जो नोबेल पुरस्कार विजेता सर सीवी रमन के बाद कलकत्ता विश्वविद्यालय में भौतिकी के पालित प्रोफेसर के रूप में सफल हुए, अगले तीस वर्षों के लिए बोस संस्थान के निदेशक थे। संस्थान ने वैश्विक प्रवृत्तियों के अनुरूप एशिया और भारत में अंतःविषय अनुसंधान की अवधारणा का बीड़ा उठाया है।
निदेशक
संपादित करें- जगदीश चंद्र बोस, 1917-1937
- देबेंद्र मोहन बोस, 1937-1967
- सौरिंद्र मोहन सरकार, 1967-1975
- सुशील कुमार मुखर्जी, 1976
- एस.सी. भट्टाचार्य, 1977-1984
- बीरेंद्र बिजॉय बिस्वास, 1985-1990
- पी.के. रॉय, 1992-2000
- मकसूद सिद्दीकी, 2001-2005
- सिबाजी रहा, 2006-2016
- उदय बंद्योपाध्याय, 2019-
सन्दर्भ
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- ↑ "बोस संस्थान, कोलकाता". अभिगमन तिथि 3 मई 2022.
- ↑ "बोस संस्थान, कोलकाता के शताब्दी समारोहों का समापन समारोह". अभिगमन तिथि 30 नवंबर 2017.