बौद्ध डिजिटल संसाधन केंद्र
बौद्ध डिजिटल संसाधन केन्द्र (Budish Digital Resource Centre) एक गैर-लाभकारी संगठन है जो बौद्ध साहित्य के अनुसन्धान, संरक्षण, सुव्यस्थित करने और उसके प्रसार के लिए समर्पित है। पहले इसका नाम तिब्बती बौद्ध संसाधन केंद्र (TBRC) था। विद्वत्ता और डिजिटल प्रौद्योगिकी का संयोजन करके यह यह संस्था सुनिश्चित करती है कि बौद्ध साहित्यिक परम्परा के प्राचीन ज्ञान और सांस्कृतिक कोष नष्ट न हों, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए उपलब्ध किये जा सकें। यह संस्था बौद्ध साहित्य की खोज, संरक्षण, आयोजन और प्रसार के लिए प्रतिबद्ध है। इसकी स्थापना ई. जीन स्मिथ ने 1999 में तिब्बती अनुवादक मिशेल मार्टिन की मदद से की थी। यह मैसाचुसेट्स के कैम्ब्रिज में स्थित है और विश्व में डिजिटल तिब्बती ग्रंथों का सबसे बड़ा संग्रहकर्ता है।[1] इसके वर्तमान कार्यक्रम पाली, चीनी, संस्कृत और तिब्बती में ग्रंथों के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
बी. डी. आर. सी. का हार्वर्ड स्क्वायर मुख्यालय हार्वर्ड विश्वविद्यालय के साथ अपने चल रहे सहकारी संबंधों की सुविधा प्रदान करता है। नई दिल्ली ( भारत ) और काठमांडू (नेपाल) में भी इसके अंतर्राष्ट्रीय कार्यालय हैं। यह चीन के चेंगदू स्थित दक्षिण-पश्चिम विश्वविद्यालय के ई. जीन स्मिथ पुस्तकालय से जुड़ा हुआ है।[2]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Obituary- Gene Smith". The Economist. January 15, 2011.
- ↑ Jacobs, Andrew (February 15, 2014). "After Winding Odyssey, Tibetan Texts Find Home in China". New York Times.