ब्रह्मावर्त एक प्राचीन भौगोलिक क्षेत्र है जिसका उल्लेख मनुस्मृति में आया है जिसमें यह क्षेत्र सरस्वती और दृशद्वती नदियों के बीच स्थित बताया गया है। मनुस्मृति के अनुसार ब्रह्मावर्त में ही र्षियों ने वेदों तथा अन्य धर्मशास्त्रों की रचना की थी। यहाँ पर सरस्वती और दृषद्वती का संगम था। मनु ने इस प्रदेश के परम्परागत आचार को सबसे श्रेष्ठ आचार माना हे ।

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