ब्रिसलकोन चीड़ (bristlecone pine) एक प्रकार का चीड़ है जो विश्व में किसी भी अन्य साधारण प्राणी से अधिक आयु जीता है। माना जाता है कि यह क़रीब ५,००० सालों तक जी सकता है।[1] इसकी तीन जातियाँ ज्ञात हैं, जो सभी उत्तर अमेरिका के पश्चिमी इलाक़ों में मिलती हैं:

ब्रिसलकोन चीड़
Bristlecone Pine
महान द्रोणी ब्रिसलकोन चीड़ों का एक झुण्ड
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: पादप
विभाग: पिनोफाइटा
वर्ग: पिनोप्सिडा
गण: पायनालेज़
कुल: पायनेसीए
वंश: चीड़ (पाइनस)
L.
उपवंश: ड्युकैम्पोपाइनस​
भाग: Balfourianae
जाति

Pinus aristata
Pinus longaeva
Pinus balfouriana

ब्रिसलकोन चीड़ पहाड़ों पर १,७०० से ३,४०० मीटर (५,६०० से ११,२०० फ़ुट) की ऊँचाईयों पर वृक्ष रेखा से ज़रा नीचे मिलता है। यह छोटे समूहों में उगते हैं। इन स्थानों पर ठण्ड, शुष्क ज़मीन, तेज़ हवाओं और वर्ष में अच्छे मौसम की छोटी अवधि की वजह से बहुत धीरे उगते हैं। जहाँ आम चीड़ की पतली तीलियाँ जल्दी ही सूखकर झड़ जाती हैं वहाँ ब्रिसलकोन की तीलियाँ चालीस सालों तक पेड़ पर उगती रह सकती हैं। इनसे पेड़ की अंतिम टहनियों के अंत पर यह पाँच-पाँच के समूह में उग रही तीलियाँ उन्हें बोतल साफ़ करने वाले ब्रुशों का रूप दे देती हैं।

इन पेड़ों की लकड़ी बेहद घनी और सख़्त होती है जिस से कीड़े, फ़ंगस और अन्य हानिकारक जीव इसपर आसानी से हमला नहीं कर सकते। इन पेड़ों की लम्बी उम्र का एक राज़ उनकी लकड़ी की सख़्ती भी है। यदि पेड़ मर जाए या उसकी कोई शाख़ टूट जाए तो वह आम पेड़ों की लकड़ी की तरह सड़ती नहीं बल्कि पत्थर की तरह हवा, पानी व बर्फ़ से अजीब-अजीब शक्लें ले लेती है। मरा हुआ ब्रिसलकोन चीड़ का पेड़ भी दशकों तक अपनी जड़ों पर खड़ा रह सकता है।[2]

इन्हें भी देखें

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  1. California's Wild Gardens: A Guide to Favorite Botanical Sites, Phyllis M. Faber, pp. 199, University of California Press, 2005, ISBN 978-0-520-24031-5, ... The ancient bristlecone pine (Pinus longaeva) is the earth's oldest known living tree, with one specimen in the White Mountains dated at more than 4.600 years old ...
  2. A Field Guide to Rocky Mountain and Southwest Forests, John C. Kricher, pp. 240, Houghton Mifflin Harcourt, 1999, ISBN 978-0-395-92897-4, ... Finally the tree is finished, but its wood is so resistant to decay that its bare-branched skeleton remains standing for decades after its last needles have dropped forever ...