ब्लड, टॉय्ल, टीयर्ज़ ऐण्ड स्वॅट
ब्लड, टॉय्ल, टीयर्ज़ ऐण्ड स्वॅट (अंग्रेज़ी: Blood, toil, tears and sweat; लहू, मेहनत, आँसू और पसीना) एक सूत्रवाक्य है और ब्रिटेन के भूतपूर्व प्रधानमन्त्री विन्सटन चर्चिल द्वारा 13 मई 1940 को द्वितीय महायुद्ध के दौरान दिए गए एक प्रेरणाजनक भाषण का अनौपचारिक शीर्षक है।
इतिहास
संपादित करें"लहू, मेहनत, आँसू और पसीने" का नारा सब से पहले इतालवी नेता जुज़ॅप्पे गारिबाल्दि ने अपने क्रांतिकारियों से 2 जुलाई 1849 को ख़िताब करते हुए उठाया था।[1] इसका मूल अर्थ है के "चैन का जीवन न्योछावर करके मेहनत और लड़ाई के लिए तैयार हो जाओ"।
चर्चिल के भाषण का अंश
संपादित करेंहिन्दी रूपांतर | मूल अंग्रेज़ी | |
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हम इतिहास की सब से भयंकर युद्धों में से एक की दहलीज़ पर खड़े हैं .... हम बहुत सी जगहों पर जूझ रहे हैं - नोर्वे में और होलैंड में - और हमें भूमध्य में तैयार रहना है। हवाई जंग लगातार जारी है और यहाँ घर पर भी बहुत सी तैयारियाँ करनी हैं। |
We are in the preliminary stage of one of the greatest battles in history.... That we are in action at many points — in Norway and in Holland —, that we have to be prepared in the Mediterranean. That the air battle is continuous, and that many preparations have to be made here at home. |
टिप्पणी
संपादित करें- 1.^ "इस सदन" का मतलब ब्रिटेन की संसद (पार्लियामॅन्ट) है, जहाँ चर्चिल ने अपना भाषण दिया।
- 2.^ द्वितीय महायुद्ध की शुरुआत में चर्चिल ने नेतृत्व में ब्रिटेन की हर राजनैतिक पार्टी के सदस्यों को लेकर एक "युद्ध काबिना" बनाई गई ताकि दुश्मन का मुक़ाबला करते हुए देश में एकता बनी रहे। यह उस मिश्रित सरकार की बात कर रहे थे।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ John Lukacs, "Blood, Toil, Tears and Sweat: The Dire Warning: Churchill's First Speech as Prime Minister" (BBC Audiobooks: London, 2008).