खण्ड आरेख या ब्लाक आरेख (Block diagram) का प्रयोग किसी तन्त्र (system) की रचना अथवा किसी प्रक्रिया (process) के उच्च-स्तरीय दृष्यात्मक प्रदर्शन के लिये किया जाता है। प्रौद्योगिकी के संसार में इनका हार्डवेयर डिजाइन, साफ्ट्वेयर डिजाइन, तथा प्रक्रियाओं के प्रवाह आरेख को प्रदर्शित करने के लिये बहुतायत से उपयोग किया जाता है।

ब्लाक आरेख बनाने के लिये प्रधानतः आयत और वृत आदि ज्यामितीय आकारों का प्रयोग किया जाता है। इन आकृतियों को तीर-युक्त या तीरविहीन रेखाओं से जोडा जाता है जो उनके आपसी सम्बन्धों या प्रक्रिया की दिशा का बोध कराती है।

उपयोगिता एवं महत्व

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ब्लाक आरेखों का उद्देश्य उच्च-स्तरीय संरचना या प्रवाह को बताना होता है जिससे की पूरी तस्वीर एक नजर में दिखायी पडे तथा आसानी से समझ में आ जाय। इसीलिये इसमें निम्न-स्तरीय विस्तृत जानकारी (details) नहीं दिखायी जाती। निम्नस्तरीय जानकारी दिखाने के लिये दूसरे प्रकार के आरेख प्रयोग किये जाते हैं; जैसे- योजनात्मक आरेख (schematic diagram) और लेआउट आरेख (layout diagram) आदि।

उदाहरण के लिये, पार्श्व चित्र में किसी सेल-फोन का ब्लाक आरेख दिखाया गया है।

ब्लाक आरेख, आन्ध्र बक्सा (black box) के सिद्धान्त पर काम करते हैं। आन्ध्र-बक्से के अन्दर की विस्तृत जानकारी या तो ज्ञात नहीं होती या जानबूझकर उसका जिक्र नहीं किया जाता। आन्तरिक जानकारी के बजाय इसमें यह बताया जाता है कि इसमें अन्दर क्या जाता है (अर्थात इसके इन्पुट क्या-क्या हैं) और वह क्या बनकर बाहर निकलता है (अर्थात इसका आउटपुट क्या है)

इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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