भगवानलाल इन्द्रजी

भारतीय पुरातत्वविद् और विद्वान

भगवानलाल इन्द्रजी (७ नवम्बर १८३९ - १६ मार्च १८८८) प्रख्यात भारतविद्याविशारद, पुरातत्ववेत्ता तथा प्राचीन भारतीय इतिहास के अनुसंधानकर्ता थे। वे ग्रेटब्रिटेन तथा आयरलैण्ड की शाही एशियाई सोसायटी की मुम्बई शाखा के सदस्य थे। उन्होने हाथीगुम्फा शिलालेख सहित अनेकों प्राचीन भारतीय शिलालेखों का अर्थप्रकाशन किया। उन्होने अनेकों पुरातत्वीय वस्तुओं की खोज की जिनमें से मथुरा का सिंह स्तम्भशीर्ष विशेष रूप से उल्लेखनीय है। किसी विदेशी विश्वविद्यालय से पीएचडी प्राप्त करने वाले वे प्रथम भारतीय थे।

भगवानलाल इन्द्रजी
जन्म 8 नवम्बर 1839
जूनागढ़, जूनागढ़ रियासत
मौत 16 मार्च 1888(1888-03-16) (उम्र 48)
मुम्बई
राष्ट्रीयता भारतीय
उपनाम पण्डित भगवानलाल इन्द्रजी
पेशा पुरातत्त्वविद
प्रसिद्धि का कारण प्राचीन भारतीय शिलालेखों का अर्थप्रकाशन
उल्लेखनीय कार्य {{{notable_works}}}

भगवानलाल इन्द्रजी का जन्म जूनागढ़ (गुजरात) में हुआ। तत्कालीन रीति के अनुसार उन्होने वेद, पुराण, धर्मशास्त्रों का अध्यन किया।