भण्डारी जाति
पश्चिम भारत की एक जाति
भण्डारी एक समुदाय एवं जाति है!
विशेष निवासक्षेत्र | |
---|---|
प्रमुख निवास स्थान | |
भाषाएँ | |
कोंकणी, ,कुमाऊँनी,कन्नड़ तथा मराठी | |
धर्म | |
हिन्दू धर्म | |
सम्बन्धित सजातीय समूह | |
कोंकणी लोग |
ये भारतीय राज्य गोवा, महाराष्ट्र , उत्तराखंड और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में निवास करते हैं उत्तराखंड के कुमाऊँ मे भण्डारी जाती का राज चलता था राजा विरेन्द्र सिंह भण्डारी ने राज किया था।[1] कुमाउनी भंडारी जाती के बारे में ,कुमाऊं के प्रसिद्ध इतिहासकार श्री बद्रीदत्त पांडे जी अपनी प्रसिद्ध पुस्तक कुमाऊं का इतिहास में बताते हैं कि भंडारी जाती का मूलपुरुष राजा सोमचंद के राज में ,राजा का भंडारी था। अर्थात राज्य की भंडारण व्यवस्था देखता था। भंडारी जाती के लोग सबसे पहले चंपावत के पास वजीरकोट में बसे थे। उसके बाद चंद राजाओं की राजधानी अल्मोड़ा आने के बाद उन्हें अल्मोड़ा के पास भंडरगावँ में बसने के लिए स्थान दिया गया । फिर धीरे धीरे पूरे कुमाऊं में अलग अलग गावों में भंडारी जाती के लोग बस गए । अल्मोड़ा का प्रसिद्ध भनारी नौला भंडारी जाती के लोगों ने बसाया था। भंडारी जाती के बारे में एक और जानकारी इस प्रकार बताई जाती है क़ि ,उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में भंडारी राजपूत नेपाल डोटी से आये। और नेपाल में उन्हें महाराष्ट्र के कोंकण से आया हुवा बताया जाता है। इसके अलावा कुछ विद्वानों के अनुसार , उत्तराखंड में भंडारी लोगो को आदिगुरु शंकराचार्य के साथ महाराष्ट्र से आये हुए बताते हैं।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Mumbai: Street dedicated to community that formed first police force". The Indian Express (अंग्रेज़ी में). 7 जून 2018. अभिगमन तिथि 7 जनवरी 2022.
विकिमीडिया कॉमन्स पर भण्डारी जाति से सम्बन्धित मीडिया है। |
और अधिक पढ़ें
संपादित करें- रेगे, शर्मिला (2006). Writing Caste, Writing Gender: Reading Dalit Women's Testimonies. ज़ुबान. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-8-18901-301-1.