भवनजी अर्जुन खिमजी : एक स्वतंत्रता सेनानी एवं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से सम्बंधित राजनितिज्ञ थे, जो कच्छ स्टेट से भारत की संविधान सभा के लिए मनोनीत किये गये थे, बाद में वह 1952, 1957 के संसदीय चुनावों में दो बार कच्छ संसदीय सीट से पहली और दूसरी लोकसभा के सदस्य चुने गए थे।

कच्छ एक छोटा सा राज्य था, जो 1947 में अस्तित्व में आया था, 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम-1956 के तहत कच्छ स्टेट का बॉम्बे स्टेट में विलय कर दिया गया था। बाद 1960 में गुजरात राज्य बनने पर, कच्छ गुजरात का एक ज़िला बन चुका है।

स्वतंत्रता सेनानी

परिचय एवं राजनैतिक सफर

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भवनजी अर्जुन खिमजी का जन्म 28 जुलाई 1902 को हुआ था। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान वह 1931-32, 1940-41 और 1942-44 तक भारत में स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए जेल में डाल दिया गया था।

वे 1937 से 1951 तक बॉम्बे विधान सभा के सदस्य रहे। खिमजी ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष के रूप में भी काम किया।

1947 में उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा कच्छ स्टेट से भारत की संविधान सभा के लिए मनोनीत किया गया।

बाद में वह 1952, 1957 के संसदीय चुनावों में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर कच्छ संसदीय सीट से लोकसभा के सदस्य के रूप में चुने गए, लेकिन उन्हे 1962 के संसदीय चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।