भवानीचरण बन्द्योपाध्याय

भवानीचरण बन्द्योपाध्याय (बंगला: ভবানীচরণ বন্দ্যোপাধ্যায় ; 1787 – 20 फ़रवरी 1848) भारत के ख्यातलब्ध पत्रकार, लेखक एवं वक्ता थे। भाषणकला में गहराई के लिये उनकी प्रशंसा की जाती थी। वे परम्परावादी हिन्दू थे जिन्होने राजा राममोहन राय द्वारा सती प्रथा की समाप्ति के लिये किये गये प्रयासों का डटकर विरोध किया। उन्होने धर्मसभा नामक संस्था की स्थापना की। उनके देहान्त के पश्चात १८४९ में उनके पुत्र राजकृष्ण बन्द्योपाध्याय के देखरेख में उनका जीवनचरित प्रकाशित किया गया।

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