भाई हिम्मत सिंह (१६६१–१७०८) १७वीं सदी के भारत में ख़ालसा पंथ की शुरूआत करने वाले प्रथम पाँच सिखों पंज प्यारे में से एक थे। उनका जन्म १६६१ में पटियाला के एक निषादवंशी झिंझवाड़ा/मेहरा परिवार में हुआ।[1] उनके नाम का महत्व असहाय लोगों की रक्षा करने का साहस रखना है।[2]

  1. पतवंत सिंह (१९८९). The Golden Temple, South Asia Books [स्वर्ण मंदिर, दक्षिण एशिया की पुस्तक] (अंग्रेज़ी में). आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 962-7375-01-2.
  2. "आज सजेगा मुख्य दीवान". दैनिक जागरण. १४ अप्रैल २०१४. मूल से 29 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १६ अप्रैल २०१४.