भाओना असम का एक मनोरंजन (अंकीया नाट) है जिसमें कोई धार्मिक सन्देश भी होता है। १६वीं शताब्दी के आरम्भ में रचित यह महापुरुष शंकरदेव की अनुपम सृष्टि है। श्रीमन्त शंकरदेव और माधवदेव द्वारा रचित नाटसमूह को 'अंकीया नाट' नाम दिया गया। परवर्ती काल के कोई कोई बैष्णव भक्तों ने इसे 'अंकीया नाट' कहा है। अंकीया नाट का अभिनय 'भाओना' कहलाता है। भाओना प्रायः सत्रों में मंचित होता है। भाओना प्रायः असमिया तथा ब्रजावली भाषाओं में लिखा गया है।

भाओना

भाओना, अन्य नाटकों से कुछ विशिष्ट होता है। जैसे सूत्रधार, द्वितीय गीत, ब्रजावली भाषा का व्यवहार, लययुक्त गद्य का प्रयोग, संस्कृत श्लोक का व्यवहार आदि।

इन्हें भी देखें

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