भाजे गुफाएँ महाराष्ट्र के पुणे जिले में लोणावला के निकट स्थित २२ गुफाओं का समूह है। ये दूसरी शताब्दी ईसापूर्व में शैल काटकर निर्मित गुफाएँ हैं। पश्चिमी भारत स्थित प्राचीनतम चित्र ग्रहण व विहार हैं यहां कुल 22 गुफॉएं हैं जिनमें ठोस कटे हुए 14 स्तुपो का समूह भी है इसका चेती अर्धवृत्त आकार है यहां पर दो दृश्यों का उत्पीड़न विशेष उल्लेखनीय प्रथम रथ पर सवार एक पुरुष दो मित्रों के साथ तथा द्वितीय हाथी पर सवार अनुचर के साथ किसी पुरुष की आकृति कुछ विद्वान इन्हें क्रमश सुरेंद्र की आकृति मानते हैं वस्तुत सूर्य मूर्ति चक्रवर्ती सम्राट बनता ही है जो उत्तर प्रदेश की यात्रा कर रहे हैं यद्यपि उत्तर प्रदेश के कल प्रकल्प लताओं काम करो सांची स्तूप में भी मिलता है किंतु भांजा बिहार में उत्तर-पूर्व के प्रधान नगर सुदर्शन का प्रताप की मान्यता द्वारा विजित की जाने का जैसा भयंकर है उसकी गुफा अन्यत्र नहीं मिलती भाजा के स्तूप पर स्थित खेरवा दीपों के नाम है स्थिति ग्रह के प्रवेश द्वार पर गोली

भाजे का चैत्य