भारतक्यूआर
भारतक्यूआर भारत में मोबाइल उपकरणों के लिए एनपीसीआई, मास्टरकार्ड और वीज़ा द्वारा विकसित एक एकीकृत भुगतान प्रणाली है। इस प्रणाली को सितंबर 2016 में उपयोगकर्ताओं को अपने पैसों को एक स्रोत से दूसरे में स्थानांतरित करने की सुविधा प्रदान करने के लिए लॉन्च किया गया था। भारतक्यूआर के माध्यम से स्थानांतरित धन सीधे उपयोगकर्ता के बैंक खाते में प्राप्त होता है। यह रुपेय, मास्टरकार्ड, वीज़ा और अमेरिकन एक्सप्रेस[1] के बीच एक साधारण अंतरफ़लक (इंटरफ़ेस) प्रदान करता है और बाक़ी सभी बैंकों के साथ (अंतःप्रचालनीय) इंटरऑपरेबल है। भारतक्यूआर वर्तमान में एंड्रॉयड और आईओएस दोनों उपकरणों पर कार्य करता है।
उत्पाद प्रकार |
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स्वामित्व | भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) |
मूल देश | भारत |
पेशकश | 20 फ़रवरी 2017 |
बाज़ार | |
जालस्थल | www |
इतिहास
संपादित करेंभारतक्यूआर को सितंबर 2016 में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार जारी किया गया था ताकि संक्रमण काल में कम-नकद समाज में भारत को सुविधा मिल सके। यह प्रणाली भुगतान के लिए कार्ड मशीनों के उपयोग को कम करने के लिए डिजिटल भुगतान करने में मदद करता है। यह प्रणाली जारी होने से पूर्व कई बैंकों ने भारतक्यूआर का समर्थन किया तथा वे इसे प्रसारित करने के लिए तैयार हो गए।[2] हालाँकि, भारतक्यूआर मुख्य रूप से क्यूआर कोड को स्कैन करके काम करता है, यह भुगतान करने का एकमात्र उपाय नहीं है। यह उपयोगकर्ताओं को आधार संख्या, यूपीआई भुगतान पते या खाता संख्या और आईएफएससी कोड के माध्यम से भुगतान करने की अनुमति देता है। यह डेबिट और क्रेडिट कार्ड का उपयोग की आवश्यकता को कम करता है, जो भारतक्यूआर की तुलना में कम सुरक्षित माना जाता है।[3]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "एनपीसीआई, मास्टरकार्डएंड वीज़ा अनवेल स्टैंडरडाइज़्ड क्यू आर कोड मोबाइल पेमेंट्स फ़ॉर इंडिया • एनएफ़सी वर्ल्ड". एनएफ़सी वर्ल्ड (अंग्रेज़ी में). 2017-02-21. मूल से 20 अगस्त 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-08-20.
- ↑ "एनपीसीआई, मास्टरकार्ड, वीज़ा ने भारतक्यूआर विकसित किया" (PDF). एनपीसीआई. अभिगमन तिथि 2 जून 2023.
- ↑ "भारतक्यूआर कैसे कार्य करता है". द हिंदू बिज़नेस लाइन (अंग्रेज़ी में). 2017-03-29. अभिगमन तिथि 2 जून 2023.