भारतवंशी (अंग्रेज़ी: Bharatvanshi) बुद्ध काल मे भारत की दस जातियो ने अपना स्वशासन स्थापित किया था। ये स्वायतसाशी शासक थे। इसके अतिरिक्त उनके नृवंशों का साशन था। 1. कपिलवस्तु मे शाक्यो ने , 2. सुंमसुम्मागिरी (मिर्ज़ापुर) मे भार्गों ने, 3. अलाकप्पा (शाहाबाद और मुजफ़्फ़रपुर) मे बुलियोने, 4. केसपुत्ता मे कालामासो ने, 5. रामागम मे कोलियो ने, 6. पावा (गोरखपुर) मे मालों ने, 7. कुशीनारा मे अन्य मालों ने, 8. पिप्पलवन मे मोरियो ने, 9. मिथिला मे विदोहो ने, 10. वैशाली मे लीछिछवियो ने अपना स्वतंत्र साशन स्थापित किया। इसके अतिरिक्त 1. वत्स मे भरतों ने 2. अवन्ती मे नागो ने 3. कोशल मे इक्ष्वाकुओ ने तथा 4. मगध मे नागो ने अपनी सत्ता कायम कर रखी थी। यहा हम मिर्ज़ापुर के भागो के विषय मे ही केवल अध्ययन करेंगे। अतरेय ब्राह्मण ( 1879), के अनुसार सुंमसुम्मागिरी जिसे वर्तमान मिर्ज़ापुर कहते है, एक प्राचीन जाति का शासन था। वह प्राचीन जाति भार्ग राजभर जाति थी। डाक्टर काशीप्रसाद जायसवाल ने इस भार्ग राजभर जाति को भारशिव नागवंशी या भारतवंशी माना है।

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