के भारतीय आम चुनाव के 1967 चुने गए 4 लोकसभा की भारत और आयोजित किया गया था 17 से 21 फरवरी । 27 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों द्वारा प्रतिनिधित्व कर रहे थे 520 एकल सदस्य निर्वाचन क्षेत्रों (26 की वृद्धि).[1] इसमें कांग्रेस को छः राज्यों में हार का सामना करना पड़ा था, जिस कारण कई कहा जाता है कि इस चुनाव ने कांग्रेस का एकछत्र राज समाप्त कर दिया- भले ही कांग्रेस अपने ही दम पर पूर्ण बहुमत प्राप्त करने में समर्थ रही हो। इसका मुख्य कारण अर्थव्यवस्था की ख़राब स्थिति होना बताया जाता है- जो चीन (1962) और पाकिस्तान (1965) से युद्ध और सूखा पड़ने की वजह से कम फ़सल उत्पादन होने की वजह से उत्पन्न हुई। इसके अलावा दक्षिण भारत में हिन्दी भाषा विरोधी आन्दोलन और दो बड़े नेताओँ (जवाहरलाल नेहरू और लालबहादुर शास्त्री) की मृत्यु को भी कांग्रेस की हार का श्रेय दिया जाता है। इस चुनाव के बाद कांग्रेस दो गुटों में बँट गई।

भारतीय आम चुनाव, 1967
भारत
← 1962 17–21 February 1967 1971 →

All 520 seats in the लोकसभा
261 seats were needed for a majority
  पहली पार्टी दूसरी पार्टी
 
नेता इन्दिरा गांधी C. Rajagopalachari
पार्टी कांग्रेस SWA
नेता की सीट Rae Bareli None
सीटें जीतीं 283 44
सीटों में बदलाव कमी78 वृद्धि26
प्रतिशत 40.78% 8.67%
उतार-चढ़ाव कमी3.94% वृद्धि0.78%


प्रधानमन्त्री चुनाव से पहले

इन्दिरा गांधी
कांग्रेस

Subsequent Prime Minister

इन्दिरा गांधी
कांग्रेस

यह भी देखें संपादित करें

संदर्भ संपादित करें

  1. "General Election of India 1967, 4th Lok Sabha" (PDF). Election Commission of India. पृ॰ 5. मूल (PDF) से 18 July 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 January 2010.