भारतीय गुणता परिषद(Quality Council of india,QCI) की स्थापना भारत सरकार द्वारा वर्ष 1997 में भारतीय उद्योग के साथ संयुक्त रूप से की गई थी।इसमें भारतीय उद्योग का प्रतिनिधित्व तीन प्रमुख उद्दोग संघ जैसे-एसोचैम(ASSOCHAM),सीआईआई(CII)फिक्की(FICCI) द्वारा किया जाता है।[1] यह भारतीय उत्पादों एवं सेवाओं की गुणवत्ता प्रतिस्पर्धात्मकता बढाने के उद्देश्य से अनुरूपता मूल्यांकन प्रणाली जिसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी गई है,की स्थापना करके देश में गुणवत्ता संबंधी अभियान को एक नीतिपरक दिशा देता है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 19-सितम्बर, 2014 को श्री आदिल जैनुलभाई को क्यूसीआई का नया चेयरमैन मनोनीत किया[2] सरकार गुणवत्ता की संस्कृति का प्रचार-प्रसार करने और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के प्रति कटिबद्ध है। इसके तहत ऐसे उत्पादों को बनाने और निर्माण प्रक्रियाओँ को अमल में लाने पर जोर दिया जा रहा है जिनमें कोई खामी न हो और पर्यावरण पर कम-से-कम असर पड़े। भारतीय गुणवत्ता परिषद की स्थापना भारत सरकार और भारतीय उद्योग जगत ने संयुक्त रूप से की थी। इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय प्रमाणन ढांचे की स्थापना एवं संचालन करना और राष्ट्रीय गुणवत्ता अभियान के जरिए गुणवत्ता को बढ़ावा देना है।[3]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 9 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 दिसंबर 2019.
  2. https://pib.gov.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=30434
  3. https://pib.gov.in/newsite/hindirelease.aspx?relid=30434